बहराइच 24 अक्टूबर। प्राकृतिक आपदाओं, तुफान, ओला, चक्रवात, बाढ़, जलप्लावन, भूस्खलन, सूखा अथवा सूखे की स्थिति, रोगों, कृमियों से फसल नष्ट होने की स्थिति, बुआई न कर पाने/असफल बुआई में फसल नष्ट होने की स्थिति व फसल कटाई के उपरान्त खेत में फसल नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा कवर के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने के उद्देश्य से संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की कलेक्टेªट सभागार में समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने बीमा कम्पनी रिलायंस जनरल इंसोरेंस कम्पनी लि. के प्रतिनिधि को निर्देश दिया कि जिला, तहसील व ब्लाक मुख्यालयों सहित प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाय। साथ ही सम्पूर्ण समाधान दिवसों के अवसर पर बैनर स्टाल आदि लगाकर पम्पलेट आदि का वितरण कर योजना का प्रचार प्रसार किया जाय ताकि जनपद के अधिक से अधिक किसान योजना का लाभ उठा सकें। बैठक के दौरान उप निदेशक कृषि ने बताया कि जनपद मंे लगभग 100426 किसानों को बीमा योजना से आच्छादित किया गया है। कुछ किसानों का आधार कार्ड लिंकेज न होने के कारण प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल पर जनपद के बीमित किसानों की संख्या 66037 दिखाई जा रही है। जिसमें इलाबाद बैंक से 23776 किसान, इलाबाद यूपी ग्रामीण बैंक 33928, एक्सिस बैंक लि. 06, बैंक आफ बड़ौदा 1589, बैंक आफ इण्डिया 92, बैंक आफ महाराष्ट्रा 07, केनरा बैंक 14, सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया 1491, कार्पोरेशन बैंक 35, एचडीएफसी बैंक लि. 270, आईसीआईसीआई बैंक लि. 136, आईडीबीआई बैंक 41, इण्डियन बैंक 53, ओरिन्टयल बैंक आफ कामर्स 379, पंजाब एण्ड सिंद बैंक 218, पीएनबी 1336, एसबीआई 1694, सिन्डिकेट बैंक 04, यूको बैंक 15, यूनियन बैंक आफ इण्डिया 917 तथा विजया बैंक से 36 किसान बीमित हैं। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने उप निदेशक कृषि को निर्देश दिया कि बैंकों व बीमा कम्पनी को पत्र भेजवायंे कि सम्बन्धित किसानों का आधार नम्बर लिंकेज किया जाय ताकि सभी बीमित किसानों का डाटा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल पर अपलोड हो सके। बैठक के दौरान बताया गया कि योजना मंे ऋणी कृषक अनिवार्य आधार पर व गैर ऋणी कृषक स्वैच्छिक आधार पर सम्मिलित हैं। खाद्य फसले अनाज, कदन्न, दलहन, तिलहन व वार्षिक नगदी/औद्यानिकी फसलें सम्मिलित हैं। सभी फसलों हेतु खाद्यान्न अनाज, कदन्न व दलहन तथा तिलहनी फसलों हेतु कृषकों द्वारा देय प्रीमियम बीमित राशि के खरीफ में 2 प्रतिशत तथा रबी में 1.5 प्रतिशत अथवा वास्तविक प्रीमियम दर, जो भी कम हो लागू है। खरीफ मौसम में 31 जुलाई तक तथा रबी मौसम में 31 दिसम्बर तक बीमा कराने की तिथि निर्धारित है। योजना में फसलों की क्षति का आंकलन मौसम के अन्त में बीमा इकाई स्तर पर निर्धारित संख्या मंे फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज के आंकड़ों के आधार पर नियमानुसार किया जाता है। फसलों की बुआई से कटाई की समयावधि में बीमा इकाई स्तर पर फसल के वास्तविक उपज फसल विशेष हेतु निर्धारित गारण्टीड उपज से कम होने पर बीमा इकाई स्तर पर फसल विशेष के उत्पादक सभी बीमित कृषकों को प्राकृतिक आपदाओं से समान रूप से प्रभावित मानते हुए कृषक के बीमित राशि के अनुरूप क्षतिपूर्ति देय होती है। योजना के प्राविधानों के अनुसार क्षतिपूर्ति देय होने पर बीमा कम्पनी द्वारा क्षतिपूर्ति की धनराशि बैंक के माध्यम से कृषकों के खातों मंे जमा करा दी जाती है। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि डा. आरके सिंह, डीडीएम नाबार्ड एमपी बरनवाल, एलडीएम बलराम साहू, सीवीओ डा. बलवन्त सिंह, डीएचओ पारसनाथ सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी, बैंक व बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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