बहराइच 24 अक्टूबर। पशुपालन, डेयरी व मत्स्य पालन विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नाबार्ड के सहयोग से संचालित की गयी डेयरी उद्यमिता विकास योजना के जनपद में सफल क्रियान्वयन के उद्देश्य से कलेक्टेªट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि योजना का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाय ताकि अधिक से अधिक लोग योजना का लाभ उठा सकें। बैठक के दौरान डीडीएम नाबार्ड ने बताया कि योजना का उद्देश्य है कि स्वरोजगार सृजित करने और डेयरी क्षेत्र के लिए आधाभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना, स्वच्छ दूध के उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्म और बुनियादी ढांचे की स्थापना करना, श्रेष्ठ प्रजनन स्टाक के संरक्षण और विकास के लिए हीफर बछड़ा पालन को प्रोत्साहित करना, असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाना ताकि दूध का प्रारम्भिक प्रसंस्करण गांव स्तर पर किया जा सके। दूध का व्यवसायिक स्तर पर संचालन करने के लिए प्रारम्भिक प्रौद्यिगिकी का उन्यन करना और प्रसंस्करण और दूध उत्पादों के उत्पादन के माध्यम से दूध का मूल्य संवर्धन करना है। डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत किसान व्यक्तिगत उद्यमी और असंगठित तथा संगठित क्षेत्र के समूह पात्र हैं। संगठित क्षेत्र के समूह जिसमें अपने सदस्यों की ओर से स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियां, अपने सदस्यों की ओर से दूग्ध संघ, मिल्क पेडरेशन, पंचायतीराज संस्थाएं आदि योजना के तहत पात्र हैं। योजना में अनुसूचित जाति व जनजाति के लाभार्थियों, भूमिहीन, छोटे, सीमान्त व गरीबी रेखा के नीचे के किसानों तथा देश के सूखा तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता दिये जाने का प्राविधान है। योजना का नोडल विभाग पशुपालन विभाग है। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि डा. आरके सिंह, डीडीएम नाबार्ड एमपी बरनवाल, एलडीएम बलराम साहू, सीवीओ डा. बलवन्त सिंह, सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी, बैंक के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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