बहराइच 23 अक्टूबर। गन्ना सर्वेक्षण नीति 2018-19 के अनुसार किसानों की गन्ना आपूर्ति हेतु सट्टा संचालन/पर्ची निर्गमन किये जाने के लिये किसान द्वारा अपने भूजोत एंव गन्ना क्षेत्रफल के संबंध में निर्धारित प्रारूप पर घोषणा-पत्र दिया जाना अनिवार्य है किन्तु कतिपय किसानों द्वारा अभी तक अपना घोषणा-पत्र गन्ना समिति/परिषद कार्यालय में जमा नही किया गया है। नियमानुसार ऐसे किसानों का सट्टा आगामी पेराई सत्र 2018-19 में संचालित नही हो सकेगा और उन्हें किसी भी चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध नही कराई जायेगी। यह जानकारी देते हुए जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि ऐसे किसानों को सत्र के दौरान गन्ना आपूर्ति में किसी असुविधा का सामना न करना पडे़ और किसी कारण से घोषणा-पत्र समय से न दे पाने के कारण वे सट्टा संचालन से वंचित न हो, इसलिये उन्हें घोषणा-पत्र संबंधित गन्ना समिति/परिषद कार्यालय में 30 अक्टूबर 2018 तक जमा करने का एक अन्तिम अवसर विभाग द्वारा दिया गया है। उन्हांेने बताया कि नियत तिथि तक भी किसानों द्वारा घोषणा-पत्र जमा नही किया जाता है तो इसके पश्चात उनका सट्टा बंद करते हुये उन्हें पेराई सत्र 2018-19 के दौरान गन्ना आपूर्ति से वंचित कर दिया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी किसान द्वारा अपने घोषणा-पत्र में गन्ना क्षेत्रफल अथवा भूजोत के संबंध में गलत आकड़े दिये जाते है और सत्यापन के दौरान उन्हें गलत पाया जाता है तो ऐसे गन्ना किसानों का सट्टा बंद करने के साथ-साथ गन्ना मूल्य भुगतान रोकने/विधिक कार्यवाही पर भी विचार किया जा सकता है, जिसके लिये गन्ना किसान स्वयं उत्तरदायी होंगे।
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