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Tuesday, March 25, 2025 3:19:09 PM

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लखनऊ की हवा हुई सेहत के लिए खतरनाक,नाक,कान व गले की बढ़ी शिकायत

लखनऊ की हवा हुई सेहत के लिए खतरनाक,नाक,कान व गले की बढ़ी शिकायत

लखनऊ की हवा तेजी से बिगड़ने लगी है। यह सेहत के लिए खतरनाक हो चुकी है। दिन के समय हवा ने वायु गुणवत्ता सूचकांक को भले ही सुधारा हो, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि लालबाग की खराब हो रही हवा के साथ निशातगंज में भी सुबह के वक्त एक्यूआई अधिकतम 400 के ऊपर चला गया। वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा होना हवा के खतरनाक होने की पहचान है। मेट्रो के काम की वजह से सुबह के समय निशातगंज में एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है। सोमवार सुबह करीब सात बजे यह 457 रिकॉर्ड किया गया, जो इस बार अधिकतम है। दोपहर 12 बजे के बाद यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में गिरावट आई। यहां न्यूनतम एक्यूआई 59 दोपहर के वक्त रिकॉर्ड किया गया। निशातगंज में सोमवार को औसत एक्यूआई 293 रहा। वहीं, तीन दिनों की तुलना में लालबाग का औसत एक्यूआई भले ही कम रिकॉर्ड किया गया, लेकिन अधिकतम वायु गुणवत्ता सूचकांक में पिछले रिकॉर्ड टूट गए। यहां सुबह एक्यूआई 394 रिकॉर्ड हुआ। अलीगंज में भी एक्यूआई अधिकतम 308 रिकॉर्ड किया गया। यहां औसत एक्यूआई 183 रहा। लालबाग और निशातगंज की तुलना में यहां अभी हवा बेहतर बनी हुई है। इसकी वजह कोई बड़ी निर्माण गतिविधि यहां न होना है। लखनऊ में वर्ष 2017 में वायु प्रदूषण बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती शुरू कर दी। इसके बाद अधिकारी जुटे तो 24 घंटे में वायु गुणवत्ता सूचकांक 404 से सीधे 238 पर आ गया था। ऐसा हवा में धूल और जहरीली गैसों के कण मिलने से रोकने के प्रयासों से हुआ। वायु प्रदूषण पर अंकुश को जहां पानी का छिड़काव शुरू हुआ तो निर्माण कार्यों की साइटों जैसे मेट्रो वर्क, रीयल एस्टेट में सख्ती कर दी गई। अब सवाल है कि क्या अधिकारी इस बार भी अभी से प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सकते?
वायु गुणवत्ता सूचकांक का प्रभाव
एक्यूआई स्वास्थ्य पर असर
0-50 अच्छा, कोई खतरा नहीं। 51-100 बेहतर, सांस रोगियों के लिए दिक्कत भरा। 101-200 अच्छा नहीं, फेफड़ों के मरीज व बुजुर्गों के लिए ठीक नहीं। 201-300 खराब, फेफड़ों के मरीज पर बुरा असर। 301-400 बहुत खराब, लंबे समय संपर्क पर सांस या दूसरे गंभीर रोग संभव। 400-500 खतरनाक, पूरी आबादी को गंभीर बीमारी का खतरा।

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