बहराइच 17 अक्टूबर। शासन द्वारा फसल अवशेषों को किसानों द्वारा खेतों में जलाये जाने का पूरी तरह से प्रतिबन्धित कर दिया गया है। साथ ही राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने पर दण्ड का प्राविधान भी किया गया है। जिसके अन्तर्गत किसानों द्वारा फसल के अवशेष जलाने पर 02 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले कृषकों पर रू. 2500=00, 02 से 05 एकड़ वाले कृषकों पर रू. 5000=00 तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले कृषकों पर रू. 15000=00 घटना के हिसाब से आर्थिक दण्ड लगाये जाने का प्राविधान किया गया है। इसके साथ ही कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों के लिये स्ट्रा रिपर का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है, जिसका उल्लंघन करने पर कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों के ऊपर सिविल दायित्व निर्धारित करने का प्राविधान भी किया गया है। यह जानकारी देते हुए उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह ने बताया कि किसानों द्वारा फसल अवशेषों को खेत में जलाने से पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ भूमि की भौतिक दशा एवं उर्वरा शक्ति पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषण से मनुष्यों तथा पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा अनेक प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है। उप निदेशक कृषि डा. सिंह ने बताया कि शासन द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाओं को गम्भीरता से लिया जा रहा है तथा फसल अवशेष जलाये जा रहे खेतों की पहचान के लिए रिमोट सेन्सिंग विभाग के माध्यम से प्राप्त सेटेलाइट डाटा का उपयोग किया जा रहा है, जो यह बताया है कि किस खेत में फसल अवशेष जलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से तहसील स्तर पर सचल दस्ते गठित किये गये हैं जो इस तरह की घटनाओं पर नज़र रखने के साथ ही फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर कार्यवाही के लिए संस्तुति करेगा। उप निदेशक कृषि डा. सिंह ने किसानों से अपील की है कि फसल अवशेष को कदापि न जलायें, बल्कि उसे खेतों में पलट कर अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ायें। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा कृषि यन्त्रीकरण एवं फसल अवशेष प्रबन्धन योजनान्तर्गत फसल अवशेष को मिट्टी में मिलाने के लिए उपयोग में लायी जाने वाले विभिन्न प्रकार के आधुनिक उपकरणों यथा-मल्चर, रोटरी स्लेसर, श्रब मास्टर, हैपी सीडर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम एवं रोटावेटर आदि यन्त्रों पर चयनित किसानों को मूल्य का 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। डा. सिंह ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में 12 अक्टूबर को फसल अवशेष प्रबन्धन में उपयोग होने वाले आधुनिक कृषि यन्त्रों का कृषकों के खेत पर प्रदर्शन कराया गया। उन्होंने बताया कि जनपद बहराइच के ब्लाक शिवपुर अन्तर्गत ग्राम किशुनपुरमीठा में कृषक रामानन्द पुत्र हनुमान प्रसाद के खेत पर रोटरी स्लेसर तथा ग्राम गोदौरा में कृषक विजय कुमार वर्मा पुत्र केशव वर्मा के खेत पर हैपी सीडर यन्त्र का प्रदर्शन कराया गया। इस अवसर पर डीडी ऐग्री सहित जिला कृषि अधिकारी राम शिष्ट, अवर अभियन्ता सहित अन्य क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ बड़़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
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