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Thursday, March 20, 2025 11:10:05 AM

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शिक्षिका सहित 26 छात्राएं केला खाने से हुई बीमार, 15 की हालत गंभीर

शिक्षिका सहित 26 छात्राएं केला खाने से हुई बीमार, 15 की हालत गंभीर

यूपी के आजमगढ़ जिले के जीयनपुर कस्बे से सटे स्थापित जवाहर नवोदय विद्यालय में शनिवार की रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक के बाद एक कर एक शिक्षिका सहित 26 छात्राएं बीमार पड़ गए। बीमार होने के पूर्व बच्चों ने विद्यालय प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए केला खाया था। आनन-फानन में सभी बच्चे जीयनपुर स्वास्थ्य केंद्र लाए गए जहां 15 की हालत गंभीर देख जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। फिलहार अस्पताल व विद्यालय प्रशासन वायरल फीवर के चलते बच्चों के बीमार होने का दावा कर रहा है। नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को शाम साढ़े चार बजे के करीब फल के रुप में केला खाने को दिया गया। इसके बाद बच्चे खेलने चले गए। खेल कर लौटने के बाद कुछ छात्राओं ने बुखार, उल्टी, सिर में दर्द आदि की शिकायत की। कुछ ही देर में ऐसे छात्राओं की संख्या तेजी से बढ़ने लगी और विद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया। हॉस्टल वार्डन द्वारा तत्काल सूचना विद्यालय के प्रधानाचार्य व उप प्रधानाचार्य को दी गई। इसके बाद बीमार बच्चों को स्वास्थ्य केंद्र जीयनपुर लेकर विद्यालय के लोग पहुंचे। जहां रात दस बजे तक दस बच्चों को आराम हो गया तो उन्हें पुन: स्कूल परिसर स्थित हॉस्टल पर भेज दिया गया। वहीं 15 छात्राओं की हालत गंभीर देख देर रात स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। 11 से 12 बजे के बीच दो बार में इन छात्राओं को जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया। इस दौरान अस्पताल व स्कूल प्रशासन में हड़कंप मचा रहा। सुबह तक ज्यादातर बच्चे सामान्य स्थिति में हो गए। वहीं स्कूल प्रशासन की सूचना पर बीमार बच्चों के परिजन भी अस्पताल पर पहुंच गए थे। अस्पताल पर मौजूद खेल अध्यापक अनिल पाठक और रंजना ने बताया कि रात लगभग आठ बजे बच्चों के बीमार होने की जानकारी हुई। बच्चों को बुखार था और उनके सिर में दर्द था। रात भर इलाज के बाद अब लगभग सभी छात्राओं की स्थिति ठीक है। बीमार छात्राओं ने बताया कि शाम में केला खाने के बाद वे खेलने गई और वापस लौटने पर बीमार हो गई। 26 छात्राओं व एक शिक्षिका के बीमार पडने के बाद विद्यालय प्रशासन ने 21 अक्टूबर तक विद्यालय बंद कर दिया है। इसकी सूचना परिजनों को दे दी गई है, ताकि वे विद्यालय पहुंच कर बच्चों को घर ले जा सके। अब विद्यालय 22 अक्टूबर को खुलेगा। नवोदय विद्यालय में शनिवार की देर शाम अचानक बीमार पड़े 27 बच्चों में सिर्फ छात्राओं का होना चर्चा का विषय बना हुआ है। विद्यालय प्रशासन के साथ ही बीमार छात्राओं की माने तो विद्यालय में सभी बच्चों के लिए एक साथ ही भोजन बनता है और सभी के लिए समान व्यवस्था है। इसके बाद भी बीमार सिर्फ छात्राएं ही पड़ी है। विद्यालय में पढ़ने वाले एक भी छात्र बीमार नहीं हुए हैं। उप प्रधानाचार्य जया भारती ने कहा की हॉस्टल वार्डन शिल्पा द्वारा रात नौ बजे छात्राओं के बीमार होने की सूचना दी गई। शुरूआत में चार-पांच छात्राओं को बुखार के साथ ही उल्टी हो रही थी, लेकिन कुछ ही देर में ऐसी शिकायत करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ने लगी। जिस पर बीमार बच्चों को सीएचसी जीयनपुर ले जाया गया जहां से 15 की हालत गंभीर देख कर देर रात उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। फिलहाल सभी बच्चों सामान्य हो चुके हैं। ज्यादातर बच्चों को अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई है। जीयनपुर सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जमीन अख्तर ने कहा कि फिलहाल तो बच्चों के बीमार होने का कारण वायरल फीवर ही समझ में आ रहा है। उल्टी की भी बीमार छात्राओं से शिकायत की है, जिससे कुछ फूड प्वाइजनिंग की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, जो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। मंडलीय अस्पताल के सीएमएस श्रीकृष्ण गोपाल सिंह ने कहा कि वायरल फीवर के चलते बच्चें बीमार हुए है। अब सभी बच्चों की स्थिति सामान्य हो चुकी है। अस्पताल में भर्ती कराए गए ज्यादातर बच्चों को छोड़ भी दिया गया है। जो अस्पताल में है भी तो वह भी पूरी तरह से ठीक है और सतर्कता की दृष्टि से रोके गए है। अस्पताल परिसर में वे टहलकदमी कर रहे है। शिक्षिका रंजना ने कहा कि हॉस्टल में रह रही छात्राओं ने बुखार और सिर में दर्द की शिकायत की थी। फूड प्वाइजनिंग जैसी कोई बात नहीं है। क्योंकि विद्यालय में जो कुछ भी भोजन बनता है वह सभी के लिए एक ही होता है। वैसे बच्चों के बीमार पडने का स्पष्ट कारण तो डॉक्टर ही बता सकते है। नवोदय विद्यालय पर एक साथ 26 छात्राओं व एक शिक्षिका के बीमार होने की जानकारी होते ही विद्यालय प्रशासन के साथ ही जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। रात में ही स्वास्थ्य विभाग जाग गया और आधा दर्जन भर एंबुलेंस को लगा कर सीएचसी जीयनपुर से बच्चों को जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया। वहीं जिलाधिकारी व एसपी भी देर रात अस्पताल पहुंचे और दो घंटे तक बच्चों का हाल लेते रहे। विद्यालय की छात्राओं ने रात आठ बजे के बाद बुखार होने और सिर में दर्द के साथ ही उल्टी की शिकातय की थी। एक साथ दो दर्जन से अधिक छात्राओं द्वारा यह शिकायत सामने आने पर हर ओर हड़कंप मच गया था। स्वास्थ्य महकमा तो तत्काल जाग गया और सीएमओ डॉ. रविंद्र कुमार के निर्देश पर प्रभारी सीएमओ डॉ. वाईके राय ने रात में ही आधा दर्जन एंबुलेंस को लगा कर सभी बच्चों को सीएचसी से जिला अस्पताल मंगवाया। देर रात जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी, एसपी रविशंकर छवि भी जिला अस्पताल पहुंच गये और बीच्चों का लगातार हाल लेते रहे। उच्चाधिकारियों के अस्पताल पर मौजूद होने से अस्पताल के डॉक्टरों की टीम भी जुटी रही और सभी बच्चों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराया गया। जिसका परिणाम रहा कि सुबह होते-होते सभी बच्चे नार्मल स्थिति में पहुंच गए। रविवार की शाम तक ज्यादातर बच्चों को छोड़ भी दिया गया था। नवोदय में एक साथ दो दर्जन से अधिक छात्राओं के बीमार होने की खबर फैलते ही तहसील प्रशासन व स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया। तहसील स्तरीय अधिकारी रात में ही विद्यालय पर पहुंचना शुरू हो गए। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और विद्यालय में मौजूद खाद्य पदार्थो की जांच के लिए जमा किया। घटना की जानकारी तहसील प्रशासन को देर रात हुई। एसडीएम पंकज कुमार श्रीवास्तव, तहसीलदार अरविंद कुमार के साथ ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिनेश कुमार राय रात लगभग ढाई बजे विद्यालय पर पहुंच कर जांच पड़ताल किए। एसडीएम सगड़ी ने बताया कि अभी तक छात्राओं के अचानक बीमार होने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। हर पहलुओं पर जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं रविवार की सुबह एडिशनल सीएमओ डॉ. परवजे अख्तर के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। टीम ने विद्यालय पर मौजूद बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करने के साथ ही ब्लड टेस्ट के लिए खून का नमूना भी लिया। इसके साथ ही विद्यालय के रसेाई व भंडरगृह में रखे खाद्यान्न की बारीकी से जांच की गई। एडिशनल सीएमओ ने बताया कि फिलहाल फूड प्वाइजनिंग का मामला तो नहीं लग रहा है। सीएचसी प्रभारी द्वारा वायरल फीवर की बात कही गई है, जिसे देखते हुए विद्यालय में फाङ्क्षगग कराने के साथ झाडिय़ों को साफ कराने आदि का निर्देश उप प्रधानाचार्य को दे दिया गया है। विभाग की एक टीम विद्यालय पर मौजूद रहे। सोमवार को एक और टीम जिले से वहां भेजी जाएगी। जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने जिलें में स्थित सभी हॉस्टल सुविधा वाले सरकारी विद्यालयो में जांच का निर्देश दिया है। एफडीए व स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कस्तूरबा विद्यालय, बालश्रम के साथ ही अन्य हॉस्टल सुविधा वाले सरकारी स्कूलों के रसोई, भंडारण कक्ष की जांच करा कर खाद्यान्न की जांच कराई जाए। इसके साथ ही परिसर में साफ-सफाई, दवा के छिड़काव आदि व्यवस्थाओं पर भी नजर रखा जाए। जहां कहीं भी किसी प्रकार की कमियां सामने आए त्वरित उन्हें दुरूस्त कराया जाए। एफडीए की टीम ने जवाहर नवोदय विद्यालय के रसेाई व भंडार गृह से खाद्य पदार्थों के तेरह नमूने लिए है। जिन्हें जांच के लिए लखनऊ भेज गया है। जांच रिपोर्ट आने पर ही इन खाद्यान्न के गुणवत्ता की पुष्टि होगी।

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