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Sunday, March 16, 2025 9:22:55 PM

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खेतों में फसल अवशेष जलाये जाने पर दण्ड का प्राविधान

खेतों में फसल अवशेष जलाये जाने पर दण्ड का प्राविधान

बहराइच 12 अक्टूबर। शासन द्वारा फसल अवषेशों को किसानों द्वारा खेतों में जलाये जाने को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली द्वारा फसल अवषेश जलाये जाने पर दण्ड का प्राविधान किया गया है, जिसके अन्तर्गत किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाने पर 02 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले कृषकों पर रू. 2500/-, 02 एकड़ से 05 एकड़ तक के कृषकों पर रू. 5000/- तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले कृषकों पर रू. 15000/- घटना के हिसाब से आर्थिक दण्ड लगाये जाने का प्राविधान किया गया है। यह जानकारी देते हुए उप निदेशक कृषि ने बताया कि कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों के लिये स्ट्रारीपर का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है, जिसका उल्लंघन करने पर कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों के उपर सिविल दायित्व निर्धारित करने का प्राविधान किया गया है। किसानों द्वारा फसल अवशेषों को खेत में जलाने से पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ भूमि की भौतिक दशा एवं उर्वरा शक्ति पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पडता है। पर्यावरण प्रदूषण से मनुष्यों तथा पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है तथा अनेक प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है। शासन द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाओं को गम्भीरता से लिया जा रहा है तथा फसल अवशेष जलाये जा रहे खेंतों की पहचान हेतु रिमोट सेन्सिंग विभाग के माध्यम से प्राप्त सेटेलाइट डाटा का उपयोग किया जा रहा है, जो यह बताता है कि किस खेत में फसल अवशेष जलाया जा रहा है। जिला प्रशासन की ओर से तहसीलवार सचल दस्ता भी बनाया जा रहा है, जो कि इस तरह की घटनाओं पर नजर रखेगा तथा फसल जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर कार्यवाही हेतु संस्तुति करेगा। उन्हांेने किसानों से अपील की है कि फसल अवशेष को कदापि न जलाये, बल्कि उसे खेतों में पलटकर अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति को बढायें। कृषि विभाग द्वारा कृषि यन्त्रीकरण एवं फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अन्तर्गत फसल अवशेष को मिट्टी में मिलाने हेतु उपयोग में लायी जाने वाली विभिन्न प्रकार के आधुनिक उपकरणों यथा-मल्चर, रोटरी स्लेसर, श्रबमास्टर, हैपीसीडर, सुपर स्ट्रामैनेजमेन्ट सिस्टम एवं रोटावेटर आदि यन्त्रों पर चयनित कृषकों को मूल्य का 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है, जिसका किसान लाभ उठा सकते हंै। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा ग्राम किशुनपुरमीठा, विकास खण्ड शिवपुर में कृषक रामानन्द के खेत पर ”रोटरीस्लेसर” एवं ग्राम गोदौरा, विकास खण्ड में कृषक विजय कुमार वर्मा के खेत पर ”हैपीसीडर” यन्त्र का फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोग होने वाले आधुनिक कृषि यन्त्रों का कृषकों के खेत पर प्रदर्शन कराया गया। इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डा. आरके सिंह, जिला कृषि अधिकारी राम शिष्ट, अवर अभियन्ता तथा अन्य क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ अत्यधिक संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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