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Wednesday, April 23, 2025 6:11:37 PM

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बेटियों पर बेटों की अपेक्षा बंदिशें ज्यादा होती हैं, बावजूद इसके वह समाज में नित नए अायाम रच रहीं हैं:राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

बेटियों पर बेटों की अपेक्षा बंदिशें ज्यादा होती हैं, बावजूद इसके वह समाज में नित नए अायाम रच रहीं हैं:राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को अपने गृहनगर यूपी के कानपुर शहर में पहुंचे। यहां उन्होेंने भाजपा सरकार के कार्यक्रमों की सराहना की। राष्ट्रपति ने नर्वल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए) में होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। कानपुर मेडिकल कॉलेज में फॉगसी की अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हए उन्होंने कहा कि बेटियों पर बेटों की अपेक्षा बंदिशें ज्यादा होती हैं इसके बावजूद वह समाज में नित नए अायाम रच रहीं हैं। उन्होंने चिकित्सा विशेषज्ञों से अाह्वान किया कि महिलाएं स्वस्थ्य रहेंगी तभी परिवार, समाज अौर राष्ट्र का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। इसलिए महिलाअों अौर वंचित वर्ग को स्वास्थ्य शिक्षा अौर सहूलियतें पहुंचाना अापके कंधों पर है। राष्ट्रपति ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे देश में कुछ लोग अभी भी बेटियों के महत्व को नहीं समझ पा रहे हैं। मुझे खुशी है केंद्र सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘सुकन्या समृद्धि’ तथा ‘किशोरी योजना’ जैसे कार्यक्रमों से देशवासियों की सोच में बदलाव आ रहा है। इसके साथ ही सेक्स रेशियो में भी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कल्याण के लिए बदलती हुई आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर 2017 में एक नई स्वास्थ्य नीति लागू की गई। जिसमें स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित करने वाले सामाजिक और आर्थिक कारणों पर विशेष ध्यान दिया गया है। केंद्र सरकार सरकार के ‘सुरक्षित मातृत्व अभियान’ कार्यक्रम का उद्देश्य नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं को गर्भवती महिलाओं तक पहुंचाने और उन्हें सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करना है। इस अभियान के तहत किए गए प्रसूति-पूर्व जांच की संख्या डेढ़ करोड़ से भी अधिक है। इस अभियान से महिलाओं में भी काफी जागरूकता आई है।

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