(रिपोर्ट : अशफाक अहमद )
बहराइच — किसी आपराधिक मामलों की जांच में सांप का रस्सी करना या फिर रस्सी का सांप करना इसका श्रेय अब तक पुलिस विभाग को ही मिलता था मगर अब डॉक्टरी पेशे से जुड़े कुछ लोगों ने भी यह कला सीख ली है| नतीजा पहले जहां पीड़ित पुलिस जांच पर संदेह करता था वही अब डॉक्टरी जांच रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। डॉक्टरी जांच रिपोर्ट पुलिस विवेचना में पुख्ता साक्ष्य के तौर पर माना जाता है ऐसे में अपराधिक मामलों के चिकित्सीय परीक्षण में निष्पक्षता व पारदर्शिता का अभाव होने से किसी पीड़ित को मिलने वाले इंसाफ में रोड़ा अटका ने जैसा है। इसी तरह की एक मेडिकल रिपोर्ट की मार झेल रहा एक ही युवक इन दिनों अपने टूटे हाथ के साथ न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। जिला अधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़ित नजम अली पुत्र जाफर अली निवासी सत्तीकुवाँ थाना नगर कोतवाली ने बताया कि दिनांक 24 मई 18 को 4 लोगों ने उसके साथ मारपीट की जिससे उसके बाएं हाथ में गंभीर चोटे आई। पीड़ित द्वारा नगर कोतवाली में प्रार्थना पत्र देने पर आरोपियों के विरुद्ध स्थानीय थाने पर मुकदमा अपराध संख्या 243/ 18 धारा 323 504 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करने के उपरांत पीड़ित नजम अली का पुलिस ने डॉक्टरी जांच कराई| पीड़ित का आरोप है कि एक्सरे विभाग में कार्यरत एक्सरे टेक्नीशियन ने किसी की सिफारिश पर जानबूझकर पीड़ित की एक्सरे प्लेट बदल दी। जिसके बाद डॉक्टर ने उसे उसी के आधार पर पीड़ित को बताया कि उसके हाथ की हड्डी नहीं टूटी है और बिना हाथ में प्लास्टर बांधे ही उसे वापस भेज दिया। घर आने के पश्चात भी जब उसके हाथ का दर्द कम नहीं हुआ तो उसने एक प्रतिष्ठित हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाया जहां पर पीड़ित के हाथ का दोबारा एक्स रे निकाला गया उस एक्सरे रिपोर्ट में पीड़ित के बाएं हाथ की कोहनी की हड्डी को टूटी हुई बताई जाती है। जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग द्वारा किए गए ऐसे अनैतिक कृत्य से आहत पीड़ित ने जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव से इसकी शिकायत करते हुए मांग की है कि उसका पुनः मेडिकल जांच कराई जाए साथ ही गलत मेडिकल रिपोर्ट देने वाले एक्सरे विभाग के जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई की जाए। बहरहाल डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को सौंप दी है।
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