बलरामपुर। जिले के नगर पालिका बलरामपुर का एक बड़ा खेल सामने आया है। जिसमें अधिकारियो ने अभिलेखो में हेरा फेरी करके नाले की सरकार की करोड़ों की बेशकीमती जमीन लापता कर दी गई है। जिससे बलरामपुर की जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है। और बलरामपुर शहर का पानी जिस रास्ते से निकलता था। वो अब बन्द होने की कगार पर है। जिससे परेशान लोगो ने भ्रष्टाचार और भू माफियाओं के खिलाफ जन आंदोलन करके मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई है। और अगर प्रसासान ने कार्यवाई न कि तो दिनाँक 3-10-2018 से करो या मरो आन्दोलन बलरामपुर की जनता द्ारा शुरू कर दिया जाएगा। वही संघर्ष कर रहे लोगो का कहना है कि भू माफिया एक पूर्व सांसद के सूटरो से दगवाने की भी धमकी भी लगातार दे रहे है। ताकि मामला दबाया जा सके। उत्तर प्रदेश सरकार जहां भू माफियाओं के खिलाफ आंदोलन चलाकर दबंगो और भ्रष्टाचारियों के द्वारा कब्जा की गई। सरकारी जमीन को शक्ति के साथ भू माफियाओं के चंगुल से छुड़ाने का काम कर रही है। वही बलरामपुर जिले के नगर पालिका के अरबन ऐरिए में करोड़ों की बेशकीमती जमीन एक एकड 54 डिशमिल जो की नाले की भूमि है। जो 1356 व 1359 फसली की खतौनी मे बंजर दर्ज है। इस जमीन का कोई अता पता नही है। जमीन कहा है किसको दी गई। ये राहस्य बना हुआ है। 7171 का कुल रकबा 1356 व 1359 फसली के मुताबिक 3 एकड 36 डिशमिल का है। जिसमे 1356 व 1359 फसली मे एक एकड 54 बंजर एंव 4 खातेदारो का नाम खेतवनी मे दर्ज है। मैजूदा खेतवनी मे नव खातेदार है ये किस आधार पर आए इनका कोई आदेश कही अंकीत नही है। 1982 के फायनल नक्शे मे बटाजात नही पडे है। यही विवाद का सबसे बडा कारण है। जनहित के लिए आंदोलन कर रहे और नाला बचाओ संघर्ष समिति के सैकड़ों लोगों ने मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में बताया है कि सिविल न्यायालय जूनियर डिवीजन ने 11-12-2018 तक वाद संख्या 177/2013. अजीजुर्रहमान बनाम जुलनुरैन नगर पालिका आदि मे गाटा संख्या 7171/1/2 व गाटा संख्या 7170 और गाटा संख्या 7171/4 स्थित बलरामपुर अरबन एरिया के सम्बंध मे दिनाक 31-5-2013 से 11-12-2018 तक स्थगन आदेश पारित है। जिसका पालन स्थानिय अधिकारीयो द्ारा पारित नही किया जा रहा है। जिससे भूमाफियाओं का मनोबल बढ़ा हुआ है। भू माफियाओं द्वारा मिट्टी पटान निर्माण कार्य बेखौफ जारी है। प्रशासन से लोगों ने माँग की है। की शक्ति से पेश आ कर यथा स्थिति बनाए रखने का न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराया जाना जरुरी है। यदि न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया गया तो करो या मरो आंदोलन 3-10 -2018 से शुरु हो जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। संघर्ष समिति द्वारा जिला प्रशासन से आंदोलन के दौरान एक एकड 54 डिसमिल जो कि नाले की भूमि है। 1356 – 1359 फसली की खतौनी मे बंजर दर्ज है। यह जमीन कहां है, याह किसको दी गई है। जांच कराकर नाले की भूमि को मुक्त कराया जाए। लेकिन भूमाफियाओं की मिली भगत से साठ घाट करके जांच की दिशा बदल कर अधिकारियों को भ्रमित कर के उस दिशा में जांच ना करके भू माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए जांच को घुमाया जा रहा है। संघर्ष समिति का मांग है कि गाटा संख्या 7171/1/2,7171,1/4,1356 व 1359 फसली के खतौनी के आधार पर जांच कराकर भूमाफियाओ के चंगुल से नाले की जमीन छुडाई जाए व दोषियो के खिलाफ कार्यवाई की जाए। जिससे पानी निकासी की होने वाली भयंकर समस्या से लोगो को राहत मिल सके। वही नाला वचाओ संघर्ष समिति और मोहल्ले वासीयो का कहना है कि भूमाफियो द्ारा लगातार एक पूर्व सासंद के सूटरो का नाम लेकर जान से मारने की धमकी भी बराबर मिल रही है। वही देखना ये है कि क्या प्रशासन सही जाँच कराकर भूमाफियाओ पर कार्यवाई करेगा।
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