हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने होने वाली टीईटी परीक्षा में विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राप्त अभ्यर्थियों को शामिल न किए जाने के मामले में राज्य सरकार को पक्ष पेश करने का समय दिया है। कोर्ट ने इसके लिए सरकारी वकील को सरकार से निर्देश हासिल करने के लिए तीन दिन का समय देते हुए अगली सुनवाई तीन अक्तूबर को नियत की है। जस्टिस इरशाद अली ने यह आदेश सुमन त्रिपाठी की याचिका पर दिया। याची ने आगामी टीईटी परीक्षा के लिए बीते 15 सितंबर को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है। याची का कहना था कि वह विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र धारक है। इसके बावजूद विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल करने पर गौर नहीं किया जा रहा है। याची के अधिवक्ता देवेंद्र नाथ त्रिपाठी की दलील थी कि पिछली टीईटी परीक्षा में विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। ऐसे में आगामी परीक्षा में विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वालों को शामिल न किया जाना मनमाना और विभेदकारी है। याची ने विशेष बीएड प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वालों का भी परीक्षा में शामिल करे जाने की गुजारिश की है। बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2018 के लिए त्रुटि रहित प्रश्न पत्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वस्तुनिष्ठ प्रश्न में किसी भी प्रश्न का एक से अधिक उत्तर सही नहीं होना चाहिए। शुक्रवार को टीइटी की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने कहा कि इस वर्ष टीईटी में 12 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है। परीक्षा केन्द्र निर्धारित करने और सुरक्षित परीक्षा कराने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में सभी जिलाधिकारियों और मंडल आयुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर समीक्षा करेंगे। उन्होंने टीईटी के ऑनलाइन आवेदन दाखिल करने में आ रही सरवर और साफ्टवेयर की समस्या को भी तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए।
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