( रिपोर्ट :डी0पी0श्रीवास्तव)
बहराइच। अभी हाल ही में जहाँ। पड़ोसी जनपद के जिलाधिकारी के निर्देश पर थाना महली,जिला संत कबीर नगर के द्वारा विकास खंड गिलौला जनपद श्रावस्ती के धनऊपुर प्राथमिक विद्यालय में फर्जी अंकपत्र व फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी किये जाने को लेकर गिलौला पुलिस द्वारा एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया,वहीं बहराइच जनपद के शारदा सहायक परियोजना इंटर कॉलेज गिरिजपुरी थाना सुजौली अंतर्गत फर्जी अंक पत्र के सहारे दिलीप कुमार पुत्र कृष्ण कुमार द्वारा चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्त होकर वर्षों से सरकारी धन का दोहन करने व मामला सार्वजनिक होने के बाद भी डीआईओएस के रहमो करम पर कार्यवाही नहीं हो पा रही है। मालूम हो कि दिलीप कुमार पुत्र कृष्ण कुमार जिस पर समय समय पर लगातार फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी करने के आरोप लगते रहने के साथ साथ उच्चाधिकारियों को भी सूचना दी जाती रही है। उक्त द्वारा की जा रही नौकरी श्री पांडे व तत्कालीन प्राचार्य इसरारुल हसन की सांठ गाँठ से संभव होने की बातें कही जा रही है। जबकि नियोक्ता की जन्म तिथि माध्यमिक शिच्छा परिषद् उ0प्र0 में कुछ और दर्ज है। जिसके आधार पर उसे 16 वर्ष की उम्र में ही नौकरी दे दी गई। हालांकि उक्त फर्जी नौकरी मामले में गत वर्ष ही तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा अपर पुलिस अधीच्छक को एफआईआर दर्ज करने हेतु लिखा पढ़ी की गई थी लेकिन भ्रष्टाचार के कई आरोपो से घिरे व आयोग और कोर्ट का चक्कर लगाने वाले डीआईओएस द्वारा मामले में सहयोग न किये जाने के कारण उक्त द्वारा अब तक सरकारी धन का आहरण किया जा रहा है। और हाल ही में उक्त विद्यालय में हुई अवैध वसूली को लेकर श्री पांडे द्वारा जो एफआईआर दर्ज करवाई गई थी वह एक वर्ष पुराना मामला था जिसमे लगभग साढ़े नौ लाख से ऊपर हुई अवैध वसूली का खुलासा एनबीटी द्वारा गात वर्ष ही कर दिया गया था,लेकिन मामले में कार्यवाही करने के बजाये उसे दबाये रखने का सिर्फ खेल किया जाता रहा। अब भी यदि मामले की सच्चाई जिलाधिकारी के संज्ञान में न आई होती तो शायद उक्त मामले की तरह यह मामला भी विभाग के गलियारों में गुमनाम पड़ा रहता। हालाँकि डीआईओएस द्वारा जिन लोगों को एफआईआर में नामजद किया गया था उनमे से कई ने गत वर्ष ही श्री पांडेय के विद्यालय में औचक निरीच्छन के बाद ही मामले में तमाम लिखा पढ़ी के साथ साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अवगत करवा दिया था। और शायद यही कारण है कि मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी है। लेकिन यहाँ जो फर्जी नौकरी का मामला है यदि उसमे भी जिलाधिकारी द्वारा कड़ा रुख अख्तियार किया गया तो कई और सफ़ेद पोश चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






