बहराइच। एक सप्ताह पूर्व ही शहर में कोटेदारो की हड़ताल तो ख़त्म हो गई पर कोटेदारो की कोई भी मांगे पूरी नहीं हुई। इस बेवजह हड़ताल से किसी को कोई फायदा हुआ हो या नहीं पर अनेको ऐसे गरीब परिवार थे जिन्हे फांके करने पर मजबूर होना पड़ा। इस हड़ताल के कारण एक बार फिर गरीबो के हक़ का जमकर बन्दर बाँट किया gaya और जिम्मेदारों ने चूं तक नहीं की। आपको बता दें कि इस माह के शुरुआत में ही शहर के कोटेदारो ने वितरण का कार्य का बहिष्कार किया था उनकी मांगे थी कि होम डिलेवरी सुविधा का बकाया उन्हें दिया जाये व कमीशन बढ़ाया जाये तथा कोटेदारो पर हुई एफआईआर वापस ली जाये परन्तु इनकी किसी भी मांगो को पूरा नहीं किया गया। अब ऐसे में सवाल उठता है कि बिना मांगे पूरी हुए आखिर कोटेदारों ने वितरण कार्य शुरू किया तो क्यों?
विभागीय सूत्र बताते है कि सीएम योगी के बहराइच दौरे को लेकर जिलापूर्ति अधिकारी राकेश कुमार डरे हुए थे जिसके कारण उन्होंने कोटेदारो की बड़ी चिरौरी बिनती की और वितरण कार्य शुरू कराया परन्तु मानक के विपरीत वितरण किया गया और महोदय चुपचाप सब देखते रहे। कुछ कोटेदारों ने वितरण कार्य शुरू होने के बाद भी कार्डधारकों को अनाज देने में आना कानी तो कुछ ने मूल्य से अधिक धन वसूले और कुछ ने तो मशीन में गड़बड़ी बता कर लोगों को बार बार दौड़ाया। ताज्जुब की बात तो तब हुई जब यह पता चला की महोदय ने इस बार कोटेदारो के लिए ऐसी सुविधा शुरू की जिससे की अंगूठा मैच न करने पर भी कोटेदार आनाज वितरण दिखा सकता है। विभागीय सूत्र की मने तो वितरण कार्य में अंगूठा न मैच करने पर भी कोटेदार अनाज वितरण कर सकता है जबकि मशीन के नाम पर अनेको कोटेदारो ने कार्डधारकों को अनाज देने से मना कर दिया। अधिकतर कोटेदारो ने एक सप्ताह में ही अपनी दुकानों को बंद कर दिया है जबकि अब भी ऐसे कई लाभार्थी है जिन्हे अबतक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
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