गंगा की निगरानी के लिए नमामि गंगे की टास्क फोर्स में रिटायर्ड फौजियों की भर्ती की जाएगी। यह भर्ती इसी महीने शुरू होगी। तारीख की घोषणा एक सप्ताह के अंदर की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में एक साथ शुरू होगी। करीब एक महीने पहले जल संसाधन और गंगा मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गंगा घाटों की सुरक्षा, गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों को रोकने और सुरक्षा जैसे काम के लिए टास्क फोर्स का गठन किया था। उस समय तय किया था कि सेना की एक बटालियन इसमें लगाई जाएगी। उस दौरान यहां पर गोरखा बटालियन की एक टुकड़ी ने अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराई थी। इसके बाद उसे इलाहाबाद भेज दिया गया। अब यह तय किया गया है कि टास्क फोर्स में सैनिक पदों पर पूर्व फौजियों (रिटायरमेंट के पांच साल से ज्यादा न हुए हों) को भर्ती किया जाएगा। कानपुर में टास्क फोर्स की जिम्मेदारी संभाल रहे मेजर राठौर ने बताया कि उन्हीं फौजियों को भर्ती किया जाएगा, जिन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिल रही है। अभी इलाहाबाद में काम कर रही टास्क फोर्स में सेना की एक बटालियन लगी है। कुंभ के समय यहां और भी सैनिकों को बढ़ाया जाएगा। गंगा सुरक्षा में लगाई जाने वाली टास्क फोर्स शहर और इसके आसपास गंगा में गिर रहे नाले को रोकने का संबंधित विभाग को सुझाव देगी। यह भी बताएगी कि किस तरह से नाले को तत्काल प्रभाव से गंगा में जाने से रोका जा सकता है। टास्क फोर्स जिन क्षेत्रों में नाले गंगा में गिरते हैं, उसके आसपास खस के पौधे लगाएगी। ये पौधे नालों के जरिये गंगा में जाने वाले प्रदूषण को सोख लेेंगे। इसी तरह के कई और पौधे लगाए जाएंगे। टास्क फोर्स छात्रों, युवाओं और आम जनता में गंगा स्वच्छता के प्रति जागरुकता भी पैदा करेगी। गंगा किनारे प्रदूषण को रोकने के लिए जो भी निर्माण कार्य होंगे, टास्क फोर्स उनकी मॉनीटरिंग भी करेगी।
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