बहराइच: गांवों के विकास के सरकार द्वारा चाहे जो दावे किए जा रहे हों हकीकत की जमीन पर योजनाएं पूरी तरह फेल नजर आ रही हैं। सरकार हरसाल बारिश का मौसम शुरू होने से पहले गांवों की नालियों की सफाई व मरम्म्त के लिए पंचायतीराज विभाग के माध्यम से निर्देश जारी करती है। लेकिन इसका पालन महज कागजी होता है। नतीजतन बारिश के मौसम गांव की सड़कों पर चलना बेहद दुश्वारियों भरा हो जाता है। जिम्मेदारों की बेरूखी लोगों को यह कहने पर मजबूर करती है कि योजनाएं हमारे लिए नहीं बनतीं। यह तस्वीर फखरपुर ब्लाॅक के ग्राम पंचायत टेंडवा अल्पी मिश्र के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय जाने वाले मार्ग की है। जलनिकासी की व्यवस्था न किए जाने से लगभग 100 मीटर की दूरी में जलभराव व कीचड़ से स्कूली बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक माह से यही स्थिति बनी हुई है। स्कूली बच्चे व ग्रामीण गंदगी व जलभराव के बीच से गुजरने को मजबूर हैं। सड़क पर बने गड्ढें में दर्जन भर से अधिक बाइक व साइकिल सवार गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं। अभिभावकों को हर वक्त स्कूल जाने वाले अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है। जलभराव में मच्छरों के पनपने से बीमारियों के फैलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके बावजूद यहां का सुध लेने वाला कोई नहीं है।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






