जैसे-जैसे 2019 का लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, यूपी में सियासी कहानी हर रोज नए-नए रंग दिखा रही है. पिछले दिनों सूबे में हुए उपचुनावों मे जीत के बाद विपक्ष गठबंधन की राजनीति को अंतिम रुप देने की रणनीति में जुटा है, वहीं बीजेपी भी गठबंधन की राजनीति का कहीं न कहीं काट खोज रही है. ऐसे में शिवपाल सिंह यादव के बगावती सुर ने बीजेपी को एक नई संजीवनी दी है.सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के कभी दाहिने हाथ माने जाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने सेक्युलर मोर्चा का ऐलान क्या किया, बीजेपी खेमें में अलग तरह की सर्गर्मियां दिखीं. बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को अभी से गठबंधन के असफल होने का संदेश जनता के बीच पहुंचाने का निर्देश दे रही है. उपचुनावों से सबक ले चुकी बीजेपी अब एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रही है. बीजेपी अध्यक्ष की मानें तो सपा खुद ही एकजुट नहीं है तो गठबंधन क्या चलाएगी.बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेन्द्रनाथ पांडेय ने कहा,”पहले वाली साइकिल अब अपनी चमक खो चुकी है. आज की साइकिल में जंग लग गई है और वह एकजुट भी नहीं रही. वह साइकिल अब मजबूर है. अब वह साइकिल एक अहंकारी नेता (मायवती) पर आधारित हो चुकी है. जनता इसे खुले आंखों से देख रही है. जनता मोदी जी के नेतृत्व में एक मजबूत दल को चुनेगी.”दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी शिवपाल के बयान के पीछे भी बीजेपी का हाथ मान रही है, लेकिन अपने गठबंधन की राजनीति को और मजबूत करना चाह रही है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से जब सवाल पूछा गया कि क्या शिवपाल के इस कदम के पीछे बीजेपी का हाथ है, तो उन्होंने कहा,”ये तो नहीं कह सकता लेकिन आज और कल में जैसी घटनाएं हुई हैं उससे शक तो होता है.”
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