यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया कांड पर बड़ी कार्रवाई करते हुए डीएम सुजीत कुमार को हटा दिया है और पूर्व जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) अभिषेक पांडेय को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले दो अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मामले पर सीएम योगी बेहद गंभीर हैं। उन्होंने दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है और अगले 12 घंटों में सभी जिलों के सुधार गृहों की रिपोर्ट तलब की है। जांच समिति में शामिल अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार व अपर पुलिस महानिदेशक (महिला कल्याण) अंजू गुप्ता को जांच के लिए हेलीकॉप्टर से देवरिया भेजा गया है। ये दोनों अधिकारी बाल गृह की बच्चियों से एक-एक कर बात करेंगी और कल (मंगलवार) को रिपोर्ट सीएम योगी को सौंपेंगी। रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि मामले पर उच्च स्तरीय जांच प्रारम्भ हो चुकी है। बाल गृह के खिलाफ पहले भी एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अफसरों के साथ मुझे भी बुलाया और चिंता व्यक्त करते हुए कई तत्काल निर्णय लिए। डीपीओ अभिषेक पांडेय को सस्सपेंड कर दिया गया है व अंतरिम चार्ज संभालने वाले डीपीओ नीरज कुमार व अनूप सिंह पर विभागीय कार्रवाई किये जाने का आदेश दिया गया। रीता बहुगुणा जोशी ने बताया, बैठक में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार व एडीजी एलओ समेत कई अधिकारी मौजूद थे। मामले में दोषी किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि प्रकरण की समग्र जांच की जाएगी। जिला प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग समन्वय कर रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि बच्चों का महिला चिकित्सक से मेडिकल करवाया जाएगा व 164 के बयान पॉक्सो मजिस्ट्रेड के सामने करवाए जाएंगे।
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