( रिपोर्ट : रूद्र आदित्य ठाकुर ) सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकती है। इसे फाइब्राइड,रसौली या फिर ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है। 35 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। औरतों के लापरवाही बरतने के कारण उनमें यह कैंसर तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसकी जानकारी न होने के कारण महिलाएं इस बीमारी का शिकार होकर मौत के मुंह में जा रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर के कारण हर साल करीब 63,000 महिलाओं की मौत हो जाती है। यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होता है, जो धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता है। सर्वाइकल कैंसर में उस समय तक लक्षण नहीं दिखते, जब तक यह बढ़ी हुई अवस्था में न पहुंच जाए। मगर फिर भी कई बार सर्वाइकल कैंसर में संबंध बनाने के बाद योनि से रक्त स्राव, पीरियड साइकल के बीच में खून दिखना, सामान्य से ज्यादा पीरियड होना, असामान्य डिस्चार्ज और पेट के निचले हिस्से में दर्द रहने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। आज हम आपको इस बीमारी के कुछ कारण, लक्षण और बचाव के तरीके बताएंगे, जिससे आप इस बीमारी से बच सकती है। सर्वाइकल कैंसर के कारण
गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक इस्तेमाल, असुरक्षित यौन संबंध, गर्भधारण के कारण एचपीवी संक्रमण, एल्कोहल और सिगरेट का सेवन सर्वाइकल कैंसर का कारण हो सकता है। इसके अलावा यह समस्यां जागरूकता की कमी और जेनेटिक कारणों से भी हो सकती है। सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
1. असामान्य रक्तस्राव
शारीरिक संबंध और मेनोपॉज के बाद अधिक रक्तस्राव या फिर तेज दर्द होना सर्वाइकल कैंसर का सकेंत हो सकता है। 2. व्हाइट डिस्चार्ज
योनि में व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या को छोटी समझ कर महिलाएं इग्नोर कर देती है लेकिन यह सर्वाइकल कैंसर का सकेंत हो सकता है। 3. पेशाब करते समय दर्द
यूरिन थैली या पेशाब करते समय दर्द होने का मतलब है कि कैंसर आपकी यूरिन थैली तक पहुंच गया है। ऐसा में आपको तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। 4. पेडू का दर्द
आमतौर पर मासिक धर्म की समस्या में महिलाओं को पेडू का दर्द नहीं होता। ऐसे में योनि में अचानक हल्का या तेज दर्द और पीरियड्स के समय योनि में तेज दर्द सर्वाइकल कैंसर का सकेंत होता है। 5. पीरियड्स में स्पॉटिंग
पीरियड्स में स्पॉटिंग या संबंध बनाते समय अचानक रक्तस्राव होना गर्भाशय ग्रीवा में जलन के कारण होता है, जो कि सर्वाइकल कैंसर का लक्षण है। 6. अन्य लक्षण
सर्वाइकल कैंसर के सामान्य लक्षण भूख कम लगना, वजन कम होना, थकान महसूस करना, अनीमिया और बोन फ्रैक्चर आदि भी होते हैं। इसलिए ऐसे स्थिति में चेकअप जरूर करवाएं। कैसे करें बचाव
1. महिलाओं को चाहिए कि 30 की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर की जांच करवाएं। क्योंकि समय पर पता लगने से इलाज में आसानी होती है। 2. 26 वर्ष के बाद महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए एचपीवी वैक्सीन लेना चाहिए। इससे आपके शरीर में एचपीवी नहीं फैलता है और आप सर्वाकल कैंसर से जीवनभर सुरक्षित रहेंगी। 3. सर्वाइकल कैंसर से बचने का एक आसान उपाय पैप टेस्ट भी है। अगर आप नियमित रूप से अपना पैप टेस्ट करवाती हैं तो आप पूरी तरह से इस बीमारी से बच सकती हैं। 4. वजन का बढ़ना भी इस कैंसर का कारण बनता है। इसलिए मगर मोटापे से दूर रहें। इसके अलावा फल, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वस्थ आहार खाएं। 5. सर्वाइकल कैंसर असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी फैलता है। इसलिए पार्टनर से संबंध बनाते समय सेफ्टी का ध्यान रखें। 6. सर्वाइकल कैंसर बच्चेदानी के भीतरी व बाहरी किसी भी सतह पर हो सकता है। इसलिए अपने शरीर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। थोड़ी-सी सावधानी आपको इस कैंसर से बचा सकती है। 7. शारीरिक संबंध बनाते समय अत्यधिक दर्द व ब्लीडिंग होने और मासिक धर्म के अनियमित और अधिक रक्त स्राव होने को हल्के में न लेकर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। सर्वाइकल कैंसर का ट्रीटमेंट
सर्वाइकल कैंसर से निजात पाने के लिए वेक्सीनेशन, सर्जरी और कीमोथेरेपी का सहारा लेना पड़ता है। इस बीमारी से बचने के लिए 30 साल से कम उम्र की महिलाओं को वैक्सीन दी जाती लेकिन इससे भी केवल 70 फीसदी ही बचाव किया जा सकता है।
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