बहराइच 21 जुलाई। मा. मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग, उत्तर प्रदेश श्री सूर्य प्रताप शाही जनपद भ्रमण कार्यक्रम के दौरान नीति आयोग द्वारा चयनित आकांक्षात्मक जनपद में कृषि कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषकों के कृषि आय दोगुना करने के उद्देश्य से विकास खण्ड बलहा के ग्राम तुलसीपुर मंे आयोजित कृषि गोष्ठी/किसान मेला में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर विधायक नानपारा श्रीमती माधुरी वर्मा के प्रतिनिधि पूर्व विधायक दिलीप वर्मा, एनडीयू फैजाबाद के कुलपति डा. जेएस संधू, अपर कृषि निदेशक सामान्य उ.प्र. रामचन्द्र सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक देवीपाटन मण्डल गोण्डा डा. पीके गुप्ता, भारत सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारी डा. अश्विनी कुमार सिंह मौजूद रहे। गोष्ठी के दौरान कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि कल्याण अभियान के तहत कराये गये कार्यों का किसानों के मध्य सत्यापन किया। उपस्थित किसानों द्वारा बीज, पौध, पशुपालन आदि विभागों द्वारा कराये गये कार्यों की पुष्टि की और मौके पर नैडप कम्पोस्ट बने होने पर श्री शाही ने प्रसन्नता व्यक्त की। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री शाही ने कहा कि सभी किसान भाई अपने खेतों में वैज्ञानिक विधियों से खेती करें तथा सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्हांेने बताया कि सोलर पम्प योजना में नई व्यवस्था के तहत पहले ड्राफ्ट लाओ पहले सोलर पम्प पाओ की व्यवस्था की गई है। उनके द्वारा अपेक्षा की गयी कि कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी से बैंक ड्राफ्ट की धनराशि व पात्रता आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर योजना का लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं और विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हंै। उन्होंने बताया कि फसल ऋण मोचन योजना अन्तर्गत जनपद बहराइच के 89756 कृषकों का रू. 01 लाख की सीमा तक कुल 593.84 करोड़ का ऋण माफ किया गया है। कहा कि जब तक किसान खुशहाल नहीं होंगे समृद्ध भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली तथा देश को समृद्ध के मार्ग पर ले जाने के लिए केन्द्र सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए वर्ष 2018-19 के लिए खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसानों की लागत से डेढ़ गुणा या उससे अधिक देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि धान की फसल पर किसानों की ओर से लगायी जाने वाली उत्पादन लागत रू. 1166=00 को देखते हुए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू. 1750=00 देने की घोषणा की गयी है। इसी प्रकार मक्का फसल के लिए रू. 1700=00, बाजरा के लिए रू. 1950=00, ज्वार के लिए रू. 2430=00, उड़द के लिए रू. 5600=00, अरहर (तूर) के लिए रू. 5675=00, मूॅग के लिए रू. 6975=00, सोयाबीन के लिए रू. 3399=00, मूॅगफली के लिए रू. 4890=00, रागी के लिए रू. 2897=00, कपास के लिए रू. 5150=00, सूरजमुखी के बीज के लिए रू. 5388=00, तिल के लिए रू. 6249=00 तथा रामतिल के लिए रू. 5877=00 न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है जो कि लागत से डेढ़ गुणा या उससे अधिक है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित एवं संकर बीजों के अनुदान में भी बढ़ोत्तरी की गई है। इसके आलावा किसानों के खेतांे का मृदा की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है तथा पशुओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण कराया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि कृषि कल्याण अभियान अन्तर्गत किसानों को नैडपकम्पोस्ट की स्थापना करायी जा रही है जिसपर रू. 7000/- का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक दिलीप वर्मा ने नानपारा को कृषि विज्ञान केन्द्र का तोहफा दिये जाने पर कृषि मंत्री व प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज फैजाबाद के कुलपति द्वारा उपस्थित किसानों को अपनी समस्याएं रखने, वैज्ञानिक खेती करने तथा अपने बच्चों को शिक्षित कराने की सलाह दी गयी। उन्हांेने 11 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, 10 किसानों को कृषि यन्त्र चयन पत्र, 25 किसानों को फलदार पौध तथा 25 किसानों को सब्जी बीज मिनीकिट्स का वितरण किया। इस अवसर पर उन्हांेने अन्य अतिथियों के साथ पौध रोपड़ किया। श्री शाही द्वारा किसानों के हित में जनपद के अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत में कराये गये कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की। गोष्ठी के अन्त मंे उप निदेशक कृषि डा. आरके सिंह द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर भूमि संरक्षण अधिकारी संतोष कुमार यादव, केवीके बहराइच के डा. वीपी सिंह, डा. ओपी वर्मा, जिला उद्यान अधिकारी पारस नाथ, उद्यान निरीक्षक आरके वर्मा सहित अन्य अधिकारी व गणमान्य जन मौजूद रहे।
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