यूपी के मिर्जापुर जिले में गंगा नदी पर बने चुनार पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रविवार को होना है। लेकिन इससे पहले शुक्रवार को ही सपा कार्यकर्ताओं ने फीता काट कर उद्घाटन कर दिया। इस मामले की जानकारी होने पर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव और चुनार के पूर्व विधायक जगदंबा सिंह पटेल के नेतृत्व में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को चुनार में गंगा नदी पर बने पुल का फीता काटकर उद्घाटन कर दिया। दलील दिया कि सपा सरकार की उपलब्धि है, पीएम मोदी तो सिर्फ इसका उद्घाटन करने आ रहे हैं। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़े बजाए वहां मौजूद लोगों के बीच खुशी मनाते हुए मिठाइयां भी बांटे। उद्घाटन करने के दौरान सपा कार्यकर्ता ‘काम किया है काम करेंगे, झूठे वादे नहीं करेंगे’ के नारे भी लगाए। जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने कहा कि सपा सरकार द्वारा पुल का निर्माण कराया गया था, इसलिए इसपर पहले सपा का अधिकार है। इस पुल के चालू होने से वाराणसी से चुनार के लिए सीधा रास्ता हो जाएगा। बता दें कि चुनार में गंगा पर बने पक्का पुल का 15 जुलाई को लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐबकपुर मोहाना स्थित परेड ग्राउंड में में जनसभा भी करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल मौजूद रहेंगी। चुनार में बालूघाट से मेडिया घाट पर पक्का पुल का शिलान्यास 13 फरवरी 2007 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने किया था। 923.68 मीटर लंबे और 7.5 मीटर चौडे इस पुल की लागत उस समय 3945.11 लाख थी लेकिन कार्य में विलंब होने के कारण इस पुल के निर्माण की लागत बढ़कर 6029.51 लाख हो गई। शिलान्यास के समय ही इस पुल का नामकरण क्षेत्र के प्रथम विधायक राजनारायण सिंह के नाम पर करने की घोषणा की गई थी। हालांकि नगर की तमाम सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के लोगों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर पुल का नाम योगी बाबा भर्तृहरि नाथ सेतु रखने की मांग राज्यपाल से की गई है। अब देखना यह है कि पक्का पुल का नामकरण किसके नाम पर रखा जाता है। पक्का पुल के लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को ध्यान में देखते हुए पुल निर्माण में लगा सेतु निगम जहां एक ओर पुल पर बची हुई निर्माण सामग्री को हटाने में लगा हुआ है। वहीं दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग पुल के दोनों ओर एप्रोच रोड को दुरुस्त करते हुए दोनों और पानी निकासी हेतु नाली निर्माण करा रहा है। चुनार का ऐतिहासिक के रखरखाव न होने और पर्यटकों के लिए सुविधाएं नहीं होने से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। ऐसे में चुनार पुल के चालू होने के बाद चुनार किले को देखने के लिए पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। चुनार क्षेत्र में उत्तरमुखी गंगा का अपना महत्व है।
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