लहरपुर/सीतापुर। । मदरसों में पढ़ा रहे आधुनिकीकरण शिक्षकों को कई वर्षों से मानदेय का भुगतान न होने के कारण इनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। इन शिक्षकों ने सरकार से शीघ्र बकाया मानदेय दिलाए जाने की मांग की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत विभिन्न मदरसों में पढ़ा रहे मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को कई वर्षों से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। सन 1993 से संचालित इस योजना के अंतर्गत मानदेय पर इन शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इन शिक्षकों को कभी भी समय से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के नगर अध्यक्ष आसिफ अली ने प्रेस वार्ता में बताया कि सरकार द्वारा इन शिक्षकों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। कई वर्षों से इन शिक्षकों का मानदेय बकाया है जिसके कारण इन शिक्षकों के परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। मालूम हो कि केंद्र सरकार इन शिक्षकों को केंद्रांश और राज्य सरकार राज्यांश देती है परंतु काफी दिनों से केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने केंद्रांश और राज्यांश देना बंद कर दिया है। मदरसों में उर्दू, अरबी,फारसी के साथ साथ आधुनिक विषय हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान आदि विषयों को पढ़ाए जाने हेतु मानदेय पर इन शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। काफी समय से इन शिक्षकों के मानदेय में भी बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। 25 वर्ष पुरानी इस योजना के अंतर्गत पढ़ा रहे इन शिक्षकों को अभी तक नियमित भी नहीं किया गया है। आसिफ अली ने बताया कि इन शिक्षकों का पिछले दो वर्षों से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है इस संबंध में कई बार राज्य सरकार व केंद्र सरकार के खिलाफ धरना- प्रदर्शन करने के साथ-साथ इन शिक्षकों की समस्याओं से अवगत भी कराया गया है परंतु सरकार द्वारा इन शिक्षकों की भारी उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया की अगर इन शिक्षकों को बकाया मानदेय का भुगतान शीघ्र नहीं किया गया तो सरकार के खिलाफ सभी शिक्षक एकजुट होकर अभियान चलाएंगे। । जब इस सिलसिले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हरिप्रसाद अम्बेडकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसी माह जुलाई में पिछला
केंद्राश मानदेय आने की उम्मीद है शासन को रिपोर्ट भेज जानकारी भेजी गई थी जिससे जुलाई माह अंतिम तक आने की उम्मीद जताई है।
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