कौशाम्बी। बिजली विभाग की मनमानी के खिलाफ भाजपा विधायक द्वारा खोला गया मोर्चा अभी लोग भूल भी नही होंगे, अब पत्रकार भी बिजली कर्मचारियों के खिलाफ मंझनपुर कोतवाली में धरने पर बैठ गए हैं। धरने पर बैठे पत्रकारों का कहना है कि मनबढ़ बिजली कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही व एफआईआर वापस होने तक कोतवाली से नहीं हटेंगे। दरअसल जिला मुख्यालय मंझनपुर में पिछले कई दिनों से अनियमित बिजली की आपूर्ति से स्थानीय निवासी परेशान हो उठे हैं। रात में बिजली कटने व उमस भरी गर्मी से मंझनपुर निवासी बिलबिला उठे। बुधवार/बृहस्पतिवार की रात कस्बे के दर्जनों लोगों क्व सब्र का बांध टूटा तो वह मंझनपुर पावर हाउस जा पहुंचे। स्थानीय लोगों की माने तो जिस समय वह पावर हाउस पहुंचे तो उस समय बिजली विभाग के कर्मचारी नशे में धुत खर्राटा भर रहे थे। स्थानीय लोगों ने उन्हें जगाया और बिजली सप्लाई चालू करने को कहां तो कर्मचारी भड़क गए और पावर हाउस पहुंचे लोगों से उलझ गए। देर रात पावर हाउस में हंगामे की सूचना पर एक टीवी चैनल के संवाददाता ज़िया रिजवी कवरेज करने जा पहुंचे। कवरेज के दौरान नशे में। धुत बिजली कर्मचारी पत्रकार से भी बदसलूकी करने लगे। जैसे तैसे लोगों ने मामले को सम्हाला और रात में बिजली आपूर्ति बहाल करवा अपने अपने घर वापस लौट गए। बृहस्पतिवार की दोपहर बिजली कर्मी मोहन की तहरीर पर पत्रकार ज़िया रिज़वी व दर्जन भर अज्ञात के खिलाफ सरकारी काम काज में बाधा पैदा करने के साथ ही मारपीट व गाली गलौच का मुकदमा दर्ज कर दिया। पत्रकार पर मुकदमे की जानकारी होने पर प्रेस क्लब कौशाम्बी के पादधिकारी व दर्जनों सदस्य मंझनपुर कोतवाली जा पहुंचे। पत्रकार पर मुकदमे की वापसी व बिजली विभाग के कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर पत्रकार वहीं धरने पर बैठ गए। प्रेस क्लब के अध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा का कहना है कि बिना जांच किये पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना उचित नही है। गंभीर मामलों में पीड़ित को कई दिनों तक थानों के चक्कर लगवाने वाली पुलिस ने पत्रकार पर लगे आरोपों की जांच करना ठीक नही समझा। बिजली विभाग की कारगुजारी किसी से छिपी नही है फिर भी जिला प्रशासन अपने कर्मचारियों पर आंख मूंद कर विश्वास कर रहा है।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






