बहराइच 30 जून। वर्ष 2018-19 में प्रदेश में दस्त के कारण बच्चों के मौत की संख्या को शून्य किये जाने के उद्देश्य से प्रदेश के समस्त जनपदों में 27 जुलाई से 09 अगस्त 2018 तक सघन दस्त नियन्त्रण पखवाड़ा मनाया जायेगा। जनपद में दस्त नियन्त्रण पखवाड़ा के सफल आयोजन के लिए शुक्रवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डा. ए.के. पाण्डेय ने बताया कि शिशु मृत्युदर एवं बाल्यावस्था मृत्युदर में कमी लाना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का एक प्रमुख लक्ष्य है। डा. पाण्डेय ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की बाल मृत्यु दर 47/1000 जीवित जन्म है। बाल्यावस्था में 05 वर्ष से कम आयु के बच्चों में 10 प्रतिशत की मृत्यु दस्त के कारण होती है, जो कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1.2 लाख बच्चे दस्त के कारण मौत के आगोश में चले जाते हैं। दस्त रोग मृत्यु के प्रमुख कारणों में दूसरे स्थान पर है। जिसका उपचार ओ.आर.एस. एवं जिंक की गोली मात्र से किया जा सकता है जिससे बाल मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। दस्त रोग विकासशील देशों में अधिक व्यापक रूप से मौजूद है जिसका मुख्य कारण दूषित पेयजल, स्वच्छता एवं शौचालय का अभाव तथा 05 वर्ष तक के बच्चों का कुपोषित होना है। सीएमओ डा. पाण्डेय ने बताया कि पखवाड़ा के दौरान बाल्यावस्था में दस्त के दौरान ओ.आर.एस. एवं जिंक के उपयोग के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने, 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के मध्य दस्त के प्रबन्धन एवं उपचार के लिए उच्च प्राथमिकता व अतिसंवेदनशील समुदायों में जागरूकता का संचार करना, समुदाय स्तर पर ओ.आर.एस. एवं जिंक की उपलब्धता तथा इसके उपयोग को बढ़ावा देना, स्वच्छता एवं हाथों को साफ सुथरा रखने के लिए परिवारों को जागरूक करना तथा एएनएम द्वारा डायरिया के सुमचित उपचार के अलावा व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वच्छता पारस्परिक संचार माध्यम से लोगों को जागरूक करने की कार्यवाही की जायेगी। सीएमओ डा. पाण्डेय ने बताया कि जनपद में 27 जुलाई से 09 अगस्त 2018 तक संचालित होने वाले सघन दस्त नियन्त्रण पखवाड़ा के दौरान सभी ऐसे परिवार जिनमें 05 वर्ष तक के बच्चे हैं, अति संवेदनशील क्षेत्र-अरबन स्लम, हार्ड टू रीच एरिया, खानाबदोश निर्माण कार्य में लगे मज़दूरों के परिवार, ईट भट्ठों पर निवास करने वाले परिवारों, सफाई की कमी वाली जगहों पर निवासरत परिवार, जनपद के ऐसे क्षेत्र जहाॅ पूर्व में डायरिया हुआ हो एवं बाढ़ से प्रभावित होने वाले तथा छोटे गाॅव या छोटे कस्बे जहाॅ स्वास्थ्य सुविधाएं कम हों लक्षित वर्ग में सम्मिलित रहेंगे। बैठक के माध्यम से सीएमओ ने आमजन से अपील की है कि बच्चों को पानी जैसा लगातार मल होने, बार-बार उल्टी होने, अत्यधिक प्यास लगने, पानी न पी पाने, बुखार होने तथा मल में खून आ रहा हो तो उसे तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र ले जायें। डा. पाण्डेय ने लोगों को सलाह दी है कि दस्त के दौरान बच्चों को ओ.आर.एस. एवं तरल पदार्थ दिया जाये। जिंक का भी उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को अवश्य किया जाय। दस्त बन्द हो जाने के उपरान्त भी जिंक की खुराक 02 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कुल 14 दिनों तक जारी रखा जाए। उन्होंने बताया कि जिंक का प्रयोग करने से अगले 02 या 03 महीने तक डायरिया होने की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि 02 से 06 माह तक के बच्चों को आधी गोली एवं 07 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को 01 गोली दी जानी चाहिए। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया कि पखवाड़े से पूर्व सभी सम्बन्धित आशाओं के माध्यम ग्राम स्तरीय माइक्रोप्लान तैयार करा लिया जाय। श्री पाण्डेय ने हाउस सर्वे कार्य बिल्कुल ठीक ढंग से कराया जाये ताकि सभी लक्षित परिवारों को ओ.आर.एस. पैकेट तथा जिंक की गोली वितरित की जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सघन दस्त नियन्त्रण पखवाड़ा का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। उन्हांेने सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि अपने विभाग से सम्बन्धित सभी तैयारिायें पूर्ण कर जनपद में दस्त नियंत्रण पखवाड़ा को सफल बनायें। इस अवसर पर ज्वाईन्ट मजिस्ट्रेट प्रशिक्षु आईएएस प्रभाष कुमार, डीपीएम एनएचएम डा. आर.बी. यादव, अधि.अभि. जल निगम आर.बी. राम सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी व बाल विकास परियोजना अधिकारी मौजूद रहे।
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