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Tuesday, March 18, 2025 1:27:34 PM

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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई गौ संरक्षण समिति की बैठक

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई गौ संरक्षण समिति की बैठक

बहराइच 30 जून। जिलाधिकारी शिविर कार्यालय पर आयोजित गौ संरक्षण समिति की बैठक के दौरान जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि उप जिलाधिकारियों से पत्राचार कर प्रत्येक तहसील में कम से कम चार-चार चारागाहों को विकसित कराया जाय तथा गौशालाओं में गौवंश रखने की क्षमता को भी बढ़ाया जाय। बैठक के दौरान सभी अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि छुट्टा गौवंश को रखे जाने के लिए काज़ीहाउस की आवश्यक मरम्मत करा दी जाय। शुक्रवार को सम्पन्न हुई गौ संरक्षण समिति की बैठक के दौरान गौशालाओं का संचालन कराने, गौशालाओं की भूमि से अवैध कब्जा हटवाये जाने, जल निकासी की व्यवस्था तथा भूमि सम्बन्धी वादों के सम्बन्ध में चर्चा के दौरान जंगलीनाथ गौशाला, नानपारा के महामंत्री पवन कुमार तुलस्यान ने बताया कि उनकी गौशाला में वर्तमान समय में 60 पशु हैं। जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण गौशाला में जलभराव की समस्या बनी रहती है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने अधि.अधि. न.पा.परि. नानपारा को निर्देश दिया कि आवश्यक कार्यवाही करते हुए जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। जिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि कानपुर के पालेकर माॅडल पर गौशालाओं में बायोगैस संयन्त्र स्थापित कराये जायें इससे बिजली की खपत में कमी होगी। स्वावलम्बन की दिशा में गौशालाओं को आगे ले जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ने कम्पोस्ट (खाद), पंचगव्य से बनाये जाने वाले विभिन्न उत्पादों जैसे साबुन, अगरबत्ती, मच्छर भागने की क्वायल तथा गौ-मूत्र से बनी फिनाइल के उत्पादन को प्रोत्साहित किये जाने का सुझाव दिया। जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी को निर्देश दिया कि गौशालाओं एवं उनके निकट के ग्रामों मंे कम्पोस्ट खाद बनाने के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार कर कार्य प्रारम्भ करें। जिलाधिकारी ने जिला कृषि अधिकारी व जिला उद्यान अधिकारी को यह भी निर्देश दिया कि गौशालाओं के आस-पास स्थित के ग्रामों में गोबर व गोमूत्र से बने खाद व कीटनाशकों के प्रयोग को बढ़ावा देकर जैविक खेती व बागवानी को बढ़ावा दिया जाये। उन्होंने वन विभाग व उद्यान विभाग को गोबर से बने गमलों, शमसान घाट गोबर से बने लठ्ठों तथा सर्दियों के मौसम में अलाव की जलावन के रूप में इनके उपयोग को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया। उन्होंने डीएफओ बहराइच व कतर्नियाघाट को वन क्षेत्रों एवं ग्राम सभागों की भूमि पर अधिक से अधिक चारा प्रजाति के वृक्ष जैसे शू-बबूल को रोपित कराये जाने का निर्देश दिया। बैठक का संचालन मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच आरपी सिंह व कतर्नियाघाट के जीपी सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर सिद्धार्थ तोमर, जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह, जिला कृषि अधिकारी राम शिष्ट, जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ, उप प्रभागीय वनाधिकारी प्रकाश चन्द्र पाण्डेय, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. शिव कुमार रावत, पशु चिकित्साधिकारी डा. अनुराग यादव सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद रहे।

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