(रिपोर्ट:
डी0पी0श्रीवास्तव)
गुरघुट्टा कांड को लेकर सियासी सरगर्मी शुरू
बहराइच। दिसंबर 2017 में बहराइच के नानपारा तहसील के गुरघुट्टा में बारा वफ़ात जुलूस के दौरान ईद गाह में सुअर बाँधने को लेकर दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा में पांच अल्पसंख्यकों पर राष्ट्रीय सुरच्छा कानून के तहत दर्ज मामलो को लेकर रिहाई मंच के प्रतिनिधि मंडल द्वारा नगर के त्रिमुहानी रोड स्थित सलीम सिद्दीकी के आवास पर एक पत्रकार वार्ता कर रासुका हटाये जाने की बात कही गई। वार्ता के दौरान प्रतिनिधि मंडल के सदस्य एस0आर0दारापुरी,पूर्व आई0 जी0,उ0प्र0पुलिस का कहना था कि 2 दिसंबर 2017 को थाना नानपारा में जिन 35 लोगों के खिलाफ जमुना प्रसाद द्वारा एफ0आई0आर0 दर्ज करवाई गई थी उनमें से जिन पांच अल्पसंख्यकों को रासुका के तहत निरुद्ध किया गया था हम उसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि मंडल द्वारा जांच में भी यह बात पाई गई है कि जिन व्यक्तियों पर रासुका के तहत कार्यवाही की गई है उनसे राष्ट्रीय सुरच्छा को कहीं से कोई खतरा नहीं है। बाउजूद मामला दर्ज करते समय क़ानूनी दिशा निर्देशों की भी जमकर अवहेलना की गई। यही नहीं बल्कि उनके द्वारा उ0प्र0 को गुजरात की राह पर ढकेलने की बात भी कह डाली गई। बताया यह भी गया कि अब हाल यह है कि जेल में पिछले लगभग 7 माह से बंद लोगों के परिवार का बुरा हाल है। वार्ता के दौरान रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों द्वारा यह भी कहा गया कि प्रदेश में अब तक 1400 के आसपास जो भी काउंटर हुवे हैं उनमे हादसों के दौरान सिर्फ एक पुलिस कर्मी की मौत क्या कानून व्यवस्था की पोल खोलते नज़र नहीं आ रहा है। ऊपर से प्रदेश सरकार अपराध घटने की बात कह रही है। एक सदस्य द्वारा यह भी कहा गया कि जब प्रदेश में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम के ढिंढोरे पीटे जा रहे हैं फिर उ0प्र0 में यू0पी0 कोका कानून की जरुरत क्यों पड़ रही है। क्या प्रदेश सरकार की कथनी व करनी को उजागर करने के लिए ऐसे मामले पर्याप्त नहीं हैं। और अब तो प्रदेश में काउंटर के नाम पर मुस्लिमों व दलितों को ही निशाना बनाया जा रहा है। वार्ता के दौरान प्रतिनिधि मंडल के मोहम्मद शुएब,सलीम सिद्दीकी,जैद अहमद फारुकी,सृजन योगी आदियोग,वीरेंद्र गुप्ता,राबिन व राजीव यादव आदि उपस्थित रहे।
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