दिल्ली में ईद मिलन की दावत पर सपा, राजद, कांग्रेस समेत कई पार्टियों के नेता एकजुट हुए। ये जमावड़ा जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से व्यवस्थित की गई दावत का है। दावत के बहाने विपक्ष के दिग्गजों की ये मुलाकात भी 2019 के लिए चुनावी रणनीति का ही हिस्सा है। इस बैठक में अखिलेश यादव, तेजस्वी, गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, दिनेश त्रिवेदी, केजरीवाल, संजय सिंह, सीताराम येचुरी, हामिद अंसारी, दीपेन्द्र हुड्डा, जयंत चौधरी, सतीश चन्द मिश्रा, अहमद पटेल जैसे बड़े नेता मौजूद थे। एक ही जगह कई पार्टियों के दिग्गज आने वाले भविष्य का संकेत दे रहे हैं। विपक्ष की ये गोलबंदी मोदी के खिलाफ होनी है और ऐसे में जैसे-जैसे 2019 महाचुनाव का दिन नजदीक आएगा, ये नजारा आम होने लगेगा। बहरहाल अभी महागठबंधन को लेकर कई कयास और संभावनाओं का दौर चल रहा है लेकिन जिस तरह से विपक्ष एकजुट दिखने लगा है। यकीनन आने वाला चुनाव मोदी पर भारी तो पड़ ही सकता है। जहां एक तरफ कांग्रेस गोलबंदी के फॉर्मूले को अपने तरीके से साधना चाहती है, वहीं दूसरी भी कई पार्टियां अपने लिए बेहतर विकल्प तलाश रही हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव यही चाहते हैं कि उन्हें मोदी सरकार के खिलाफ त्याग भी करना पड़ा तो वो पीछे नहीं हटेंगे। दूसरी तरफ बसपा कांग्रेस या सपा के कितने करीब होगी ये देखना भी दिलचस्प होगा। ऐसे में जब 2019 के चुनाव को साल भर ही बचे हैं ईद, होली, दिवाली यूं खाली तो नहीं जाने वाली। चुनावी रणनीति को साधने के लिए त्योहार ही सही! विपक्ष की तमाम राजनीतिक पार्टियां आपसी सौहार्द का परिचय यूं ही देती रहेंगी।
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