उन्नाव गैंगरेप मामले में पीड़िता के पिता को फर्जी मारपीट के मामले में कथित तौर पर फंसाने वाले आरोपी टिंकू सिंह को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. टिंकू सिंह ने ही पीड़िता के पिता के खिलाफ झूठी एफआईआर रिपोर्ट लिखवाई थी. तीन अप्रैल को टिंकू की शिकायत पर पीड़िता के पिता को माखी पुलिस ने गिरफ्तार किया था.टिंकू सिंह ने पीड़िता के पिता पर मारपीट और आर्म्स एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था. आरोपी टिंकू पहले सीबीआई दफ्तर गया था, फिर अंडरग्राउंड हो गया था. सीबीआई फर्जी मुकदमा लिखने के मामले में माखी थाना के तत्कालीन दरोगा और एसओ को गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई के इशारे पर टिंकू सिंह ने पीड़िता के पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.क्या है मामला?
4 जून 2017 को माखी थाना क्षेत्र के गांव से 17 साल की किशोरी को गांव के ही शुभम और उसका साथी कानपुर के चौबेपुर निवासी अवधेश तिवारी अगवा कर ले गए. पीड़िता की मां ने माखी थाने में मामले की तहरीर दी, जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर रेप करने और इसके बाद उसके गुर्गों द्वारा गैंगरेप करने का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस ने तब रिपोर्ट दर्ज नहीं की.11 जून 2017 को पीड़िता ने अदालत की शरण ली, कोर्ट के आदेश पर आरोपी अवधेश तिवारी, शुभम तिवारी व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन मुकदमे में विधायक और आरोपी महिला का नाम नहीं था.3 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई अतुल सिंह ने केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया और जब पिता द्वारा इनकार किया तो उसकी बेरहमी से पिटाई की गई और फर्जी मुकदमा लिखवाकर उसे जेल भिजवा दिया.8 अप्रैल, 2018 को पीड़िता ने परिवार समेत सीएम आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की. 9 अप्रैल को पीड़िता के पिता की उन्नाव जेल में मौत हो गई. जिसके बाद 10 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार किया गया.
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