(रिपोर्ट: डी0पी0श्रीवास्तव) बहराइच। प्राइमरी स्तर की एक मान्यता को लेकर पिछले कई माह से अधिकारी की चौखट नाप रहे एक युवक द्वारा बेसिक शिछा विभाग के खंड शिछा अधिकारी तजवापुर पर 30 हजार रुपयों की अतिरिक्त उगाही मांगे जाने के न सिर्फ आरोप लगाये गए हैं बल्कि मुख्यमंत्री को एक शिकायती पत्र भेजकर जांच करवाये जाने की मांग भी की गई है। मालूम हो कि बंजारी, पोस्ट शेखदहीर विकास खंड तजवापुर में संचालित इक्जान इंग्लिश स्कूल की मान्यता को लेकर मोहल्ला मंसूरगंज जनपद बहराइच निवासी मोहम्मद सादिक द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गये शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि वह उक्त स्कूल की मान्यता को लेकर पिछले कई माह से खंड शिछा अधिकारी के पास दौड़ लगा रहा है, लेकिन उनके द्वारा मांगे जा रहे अतिरिक्त धन न दिए जाने के कारण मामले में सिर्फ बाधा उत्पन्न की जा रही है। उसने लिखा मान्यता संबंधी सम्पूर्ण दस्तावेज उक्त अधिकारी के पास काफी पहले पहुँच चुका था बाउजूद उनके द्वारा अब तक तीन बार स्कूल का औचक निरिच्छन करने के बाद भी मान्यता संबंधी दस्तावे अपने पास ही दबाय रक्खा गया है। श्री सादिक द्वारा यह भी लिखा गया कि जब दिनांक 16.05.2018 को उनके द्वारा दिन के लगभग 11.20 बजे उक्त अधिकारी को फोन करके स्कूल की संस्तुति करने का एक बार फिर निवेदन किया गया तो उन्होंने दिन के 1.00 बजे बीआरसी तजवापुर आने को कहा और जब मै नियत समय पर वहां पहुंचा तो खंड शिछा अधिकारी अपने कार्यालय में सहायक अध्यापक चंद्रशेखर नागवंशी यू0पी0एस0 खम्हरिया हरदी पट्टी विकास खंड तजवापुर के साथ बैठे थे और जब लगभग दो ढाई घंटे की लंबी प्रतीछा के बाद उनसे बात चीत का दौर शुरू हुवा तो उनहोंने बातचीत के दौरान तीस हजार रुपयों की अतिरिक्त धन की मांग करते हुवे कहा कि अगर मान्यता चाहते हो तो आज शाम तक रूपये दे दो नहीं तो फ़ाइल में काट पीट कर बेसिक शिछा अधिकारी को भेज दूंगा। श्री सादिक द्वारा उक्त अधिकारी पर विकास खंड तजवापुर की 7 तथा उनके विकास खंड महसी में रहते हुवे 19 ऐसे स्कूलों की मान्यता संस्तुति किये जाने के आरोप लगाये गए हैं जिसके कोई भी मानक पूरे है ही नहीं। श्री सादिक द्वारा उसके सारे दस्तावेज की छाया प्रति भी अपने पास होने की बात बताये जाने के साथ उक्त अधिकारी पर आजमगढ़ व लखनऊ में अकूत संपत्ति रखने के भी आरोप लगाये गए हैं। बात करने पर भी श्री सादिक द्वारा सभी बातों को सही बताया गया। लेकिन जब कई आरोपों से घिरे खंड शिछा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर लगाये गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुवे कहा जिस व्यक्ति द्वारा हमारे ऊपर आरोप लगाये जा रहे हैं उसका कोई मामला ही नहीं है। वह किसी दूसरे के लिए मान्यता प्राप्त करवाने हेतु सारे हथकंडे अपना रहा है उन्होंने यह भी कहा यदि मैं गलत हूँ तो मेरे खिलाफ जांच करवा ली जाय। फिलहाल मामला जो भी हो लेकिन बताया यही जा रहा है कि जब मान्यता संस्तुति हेतु सम्बंधित खंड शिछा अधिकारी को फ़ाइल प्राप्त होने के 15 दिनों के अंदर की जाने वाली संस्तुति में पछ या विपछ की रिपोर्ट लगानी होती है तो आखिर किन परिस्तिथियों में महीनों तक फाइल को रोके रक्खा गया।
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