गजधारपुर(बहराइच) लीला पुरवा बाला जी धाम मंदिर पर साखा सोनवारा धाम करनैलगंज
द्वारा संचालित मन्दिर पर शुक्रवार को परिसर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का वर्णन करते हुए मनु शर्मा मानस कोकिला महराज जी ने अमृतमयी राम कथा में राम चरित मानस की व्याख्या की। व्यास पीठ से उन्होंने कथा में मौजूद लोगो को बताया कि राम चरित मानस व राम कथा किसी विशेष जातिवर्ण के लिए नही है। यह तो मानव वर्ण के लिए है। मानस का पहला शब्द वर्ण है, महात्मा तुलसीदास ने राम कथा लिखने के पहले शिव कथा लिखा। क्योकि माँ पार्वती श्रद्धा व भगवान शिव विश्ववास के प्रतीक है। जब जीवन मे श्रद्धा व विश्वास हो तो व्यक्ति को रामकथा का असली आनंद मिलता है। महराज श्री राम नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि अन्य युगों में जो पूजा, अर्चन, योग, तप आदि करने से प्राप्त होता है वह कलयुग में राम नाम का स्मरण मात्र से मिलता है। राम कथा सुनने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ठ हो जाते है। संगीतमय राम कथा में शुक्रवार को भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया। प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव में उपस्थित भक्त नाचने, गाने व झूमने लगे। यहाँ भगवान श्रीराम के जन्म की आकर्षक झांकी दिखायी गई। सम्पूर्ण कथा पांडाल तालियो की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस मौके पर महंत बृज मोहन पांडेय, प्रबन्धक मणि चन्द,मंत्री,रमेश चन्द्र,विजय सिंह,मलखान सिंह संजय सिंह,राजेश सिंह,बबलू बाबा सहित हजरों की संख्या में लोग मौजुद रहे।
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