जिला स्वास्थ्य समिति की शासी निकाय की बैठक के दौरान वित्तीय प्रगति मानक से कम पाये जाने पर जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने निर्देश दिया कि कार्मिकों के भुगतान से सम्बन्धित जो भी कार्यवाही लम्बित है उसे तत्काल पूर्ण कर नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित करें ताकि व्यय प्रगति में सुधार हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सीएचसी व पीएचसी हेतु आवंटित बजट को तत्काल भेज दिया जाय ताकि उनके द्वारा बजट का सदुपयोग किया जा सके। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि नवनियुक्त आशाओं के साथ-साथ पूर्व से कार्यरत आशाओं को भी प्रशिक्षण दिलाया जाय ताकि गुणवत्ता में सुधार हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि कार्य न करने वाली निरंकुश आशाओं को हटाया जाय। डीएम ने स्टाफ नर्सों की क्षमता संर्वधन के लिए अभिमुखी कार्यशाला का आयोजन कराये जाने का भी निर्देश दिया। सोमवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान मातृ स्वास्थ्य/जेएसवाई कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान संस्थागत प्रसव कम होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने निर्देश दिया कि शतप्रतिशत संस्थागत प्रसव कराना सुनिश्चित करें। उन्हांेने यह भी निर्देश दिया कि मरीजों के साथ मित्रवत व्यवहार किया जाय तथा प्रसव के समय चिकित्सालय द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का डिस्प्ले बोर्ड लेबर रूम के बाहर प्रदर्शित किया जाय ताकि आने वाले मरीज़ों को जानकारी हो सके। स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्थापित पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा के दौरान निर्धारित समय से पूर्व ही बच्चों को डिस्चार्ज कर देने तथा भर्ती हुए कुपोषित बच्चों का फालोअप न करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने सभी एमओआइसी को निर्देश दिया कि कुपोषित बच्चों को निर्धारित समय तक पोषण पुनर्वास केन्द्र पर रोका जाय साथ ही बच्चों का फालोअप भी करते रहें। उन्होंने सभी एमओआईसी को निर्देश दिया कि एक अच्छे कप्तान की भांति सभी कार्मिकों को नेतृत्व प्रदान करें ताकि लोगों को बेहतर से बेहतर चिकित्सीय सेवाएं प्राप्त हों। जिलाधिकारी ने बीसीपीएम को निर्देश दिया कि जिन आशा व आशा संगिनियों ने एचबीएनसी का प्रशिक्षण प्राप्त किया है, वे नवजात शिशुओं के घरों पर जाकर उनकी परवरिश के लिए माॅओं को प्रेरित करें।
बैठक के दौरान डीपीएम एनएचएम ने बताया कि किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एएफएचएस क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है एवं समुदाय स्तर पर जनपद के 07 ब्लाकों चित्तौरा, विशेश्वरगंज, पयागपुर, जरवल, महसी, मोतीपुर व शिवपुर मंे पीयर एजूकेटर का चयन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि विप्स कार्यक्रम अन्तर्गत कक्षा 06 से 12 तक के सभी सरकारी विद्यालयों में आयरन गोली तथा किशोरी सुरक्षा योजना अन्तर्गत किशोरियों को निःशुल्क सेनेटरी नैपकीन का वितरण किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का पूर्व से ही व्यापक प्रचार प्रसार कराये जाने का निर्देश दिया।
नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान ब्लाक मिहींपुरवा, महसी व हुजूरपुर तथा टीटी (पीडब्लू) में जरवल, मिहींपुरवा व पीपीसी नानपारा की प्रगति कम होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने सम्बन्धित को कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने सभी एमओआईसी को माईक्रोप्लान के अनुसार कार्य करने तथा वीएचएनडी की नियमित बैठकें आयोजित कर समीक्षा करते रहने का निर्देश दिया। डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिया कि स्वीकृत पदों के अनुसार एएनएम की तैनाती की कार्यवाही की जाय ताकि टीकाकरण कार्य में बाधा उत्पन्न न हो। जननी सुरक्षा कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि लाभार्थियों को स्वास्थ्य केन्द्रों पर 48 घण्टों तक अवश्य रोका जाय, साथ ही उन्हें उपलब्ध कराये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। आशाओं के भुगतान की समीक्षा के दौरान ब्लाक बलहा व कैसरगंज का औसत भुगतान शून्य होने पर डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बन्धित को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने स्वयं सेवी संगठनों से अपील की कि जिले की बेवसाइट पर अपना पंजीकरण करा लें ताकि सरकार द्वारा संलालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों में सहयोग प्राप्त किया जा सके। बैठक के उपरान्त मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय द्वारा बीसीपीएम को टैब का वितरण किया गया। टैब के माध्यम से आशाओं के भुगतान आदि सम्बन्धी सूचनाएं आदान प्रदान की जायेंगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, ज्वाईन्ट मजिस्ट्रेट प्रशिक्षु आईएएस प्रभाष कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके पाण्डेय, डीपीएम एनएचएम डा. आरबी यादव, सीएमएस डा. पीके टंडन व डा. मंजरी टण्डन, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. अमरकान्त सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
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