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Wednesday, May 14, 2025 3:47:54 PM

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पोषण पुनर्वास केन्द्र के संचालन में शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई: जिलाधिकारी

पोषण पुनर्वास केन्द्र के संचालन में शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई: जिलाधिकारी

सोमवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला पोषण समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया कि ग्राम स्वास्थ पोषण दिवस को गोद लिये गये ग्राम का अनिवार्य रूप से भ्रमण कर विस्तृत आख्या उपलब्ध करायेंगे। अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित नोडल अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। बैठक से अनुपस्थित पाये जाने पर जिलाधिकारी ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी प्रथम, जिला उद्यान अधिकारी तथा जीएमडीआईसी से स्पष्टीकरण तलब किये जाने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने सभी नोडल अधिकारियों का आहवान्ह किया कि जनपद के चयनित सभी 82 ग्रामों को आप सभी अपनी देख-रेख में कुपोषण से मुक्त ही न करायें बल्कि इन चयनित ग्रामों को दूसरी अन्य योजनाओं से भी आच्छादित कराया जाय। जिलाधिकारी ने सभी नोडल अधिकारियों से कहा कि राज्य पोषण मिशन के कार्यों को अंजाम देते समय मात्र रस्मअदायगी न की जाये, बल्कि इसे मिशन के रूप में स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि एक नोडल अधिकारी के नाते किसी बच्चे को कुपोषण से मुक्त कराया जाना आपके पदेन उत्तरदायित्व के साथ-साथ एक पुनीत कार्य भी है। इसलिए सभी जिम्मेदार अधिकारी शत-प्रतिशत प्रयास कर कुपोषणमुक्त जनपद बनाने में सहयेाग प्रदान करें। जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिया कि माह मार्च 2018 की रिपोर्ट प्रस्तुत न करने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाय। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के अवकाश पर होने के परिणामस्वरूप उनके द्वारा गोद लिये गये ग्राम की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्साधिकारी की होगी। बैठक के दौरान महसी की सीडीपीओ सीमा इज़राईल द्वारा अवगत कराया गया कि पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को नियमानुसार भुगतान नहीं कराया जा रहा है। इस सम्बन्ध में डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिया कि 24 घण्टे के अन्दर लम्बित भुगतान कराकर कृत कार्यवाही की सूचना उन्हें मोबाइल पर उपलब्ध करायी जाय। पोषण पुनर्वास केन्द्र तेजवापुर में कुपोषित बच्चों को भर्ती न किये जाने सम्बन्धी शिकायत का कड़ा संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने जिम्मेदार चिकित्सकों का अग्रिम आदेशों तक वेतन बाधित करते हुए स्पष्टीकरण प्राप्त किये जाने का निर्देश दिया। साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद में स्थापित सभी पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर तैनात स्टाफ के डिस्प्ले बोर्ड लगवाये जायें जिसमें तैनात कार्मिकों का नाम, मोबाइल नम्बर इत्यादि का उल्लेख हो। उन्होंने सीएमओ को यह भी निर्देश दिया कि पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर तैनात चिकित्सकों को निर्देशित कर दिया जाय कि केन्द्र पर आने वाले कुपोषित बच्चों एवं उनके अभिभावकों को शासन द्वारा अनुमन्य सभी सुविधाएं प्रदान की जायें। उन्होंने सचेत किया कि पोषण पुनर्वास केन्द्र के सम्बन्ध में यदि भविष्य में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है तो कठोर से कठोर कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी ने बैठक में मौजूद बाल स्वास्थ्य परियोजना अधिकारियों से कहा कि कुपोषण के साथ-साथ किशोरियों एवं बालकों में आयरन की कमी, स्टेन्टिंग इत्यादि के सम्बन्ध में भी लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के कई इन्डीकेटर्स में पीछे होने के कारण भी बहराइच को आकांक्षात्मक जनपद के रूप में चुना गया है। जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कुपोषित बच्चों के परिवारों को राशन कार्ड तथा जाबकार्ड अवश्य उपलब्ध करा दिये जायें तथा उन्हें अनिवार्य रूप से रोज़गार भी मुहैय्या कराया जाय।  
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य पोषण मिशन अन्तर्गत चयनित सभी 81 ग्रामों को खुले में शौच की प्रथा से मुक्त ग्राम घोषित करायें। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों व बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने घर में शौचालय का निर्माण न करने वाले लोगों को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि लोगों को समझाया जाय कि आपके द्वारा खुले में शौच किये जाने से आप अपने साथ-साथ दूसरों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं।

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