बहराइच 20 मई। आकांक्षात्मक जनपद बहराइच में शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन कराये जाने, आमजन को शिक्षा के प्रति जागरूक किये जाने तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से शनिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा के बिना विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। विश्व के अग्रणी एवं विकसित देशों की बात की जाये तो ऐसे सभी देश शिक्षा के क्षेत्र में अन्य दूसरे देशों की तुलना में मीलों आगे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मात्र साक्षरता से ही काम नहीं चलने वाला है। आज का युग गुणवत्तायुक्त एवं तकनीकी आधारित शिक्षा का युग है। आज के परिदृश्य में देखा जाये तो तकनीकी रूप से शिक्षित व्यक्ति को सही मायनों में साक्षर कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सूचना क्रान्ति के युग में तकनीकी रूप से साक्षर एक व्यक्ति इण्टरनेट के माध्यम से घर बैठे मनचाही जानकारी प्राप्त कर सकता है। जबकि तकनीकी रूप से साक्षर न होने के कारण किसी दूसरे व्यक्ति को ऐसी जानकारी प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की दरकार होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि आज जनपद बहराइच का नाम अगर आकांक्षात्मक जनपदों की सूची में शामिल है तो उसका मुख्य कारण शिक्षा की कमी है। उन्होंने कहा कि जनपद को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए हमें बुनियादी शिक्षा के ढ़ाचें को मज़बूत करना होगा जिसके लिए हमें शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के अनुभव का लाभ लेना होगा। उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों का सुझाव प्राप्त कर जनपद में शिक्षा विशेषकर गुणवत्तायुक्त शिक्षा के विकास के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्ययोजना तैयार करते समय आमजन विशेषकर अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने सम्बन्धी विषय को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान की जाय। उन्होंने कहा कि किसी एक अभिभावक को शिक्षा का महत्व समझाने का सीधा सा लाभ यह होगा कि अपने सभी बच्चों को एक समान रूप से शिक्षित करने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि जनपद में महिला साक्षरता की कम दर को देखते हुए हमें सभी अभिभावकों तक यह बात प्रभावशाली ढंग से पहुॅचानी होगी कि एक कुटुम्ब को शिक्षित करने के लिए बालिका का शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि व्यापक स्तर पर एकेडमिक मेला आयोजन की कार्ययोजना बनायी जाये ताकि ऐसे आयोजनों के माध्यम से मेधावी छात्ऱ-छात्राओं, समर्पित अभिभावकों एवं गुरूजनों को सम्मानित कर लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके। बैठक के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों की ओर से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी प्राप्त हुए। मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय ने बैठक में मौजूद विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों से अपेक्षा की कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अपने संगठन का विवरण उपलब्ध करा दें ताकि जनपद में शिक्षा के विकास में आप सभी का अपेक्षित सहयोग प्राप्त किया जा सके। बैठक के अन्त में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. अमर कान्त सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी राम सुरेश वर्मा, नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार यादव सहित विभिन्न सरकारी संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
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