अधिवक्ता राजेश कुमार श्रीवास्तव हत्याकांड में पुलिस के हाथ खाली हैं। अब तक पुलिस शूटरों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। यहां तक कि दूसरा नामजद आरोपी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। पूछने पर पुलिस हर बार यही जवाब देती है कि प्रयास जारी हैं। खास बात यह कि इस मामले में कर्नलगंज पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच भी लगी है लेकिन, अब तक पुलिस की टीमें हवा में ही तीर मार रही हैं। रामबाग निवासी अधिवक्ता राजेश कुमार श्रीवास्तव की हत्या को आठ दिन बीत चुके हैं। हालांकि कार्रवाई के नाम पर पुलिस अब तक सिर्फ नामजद होटल मालिक प्रदीप जायसवाल को गिरफ्तार कर सकी है। अधिवक्ता पर गोली चलाने वाले शूटरों के बारे में पुलिस के पास अब तक कोई सुराग नहीं है। पिछले दिनों कर्नलगंज क्षेत्र से बाइक बरामद होने के बाद पुलिस ने प्रतापगढ़ पहुंचकर बाइक मालिक से बात की। हालांकि बाइक के पिछले महीने ही चोरी हो जाने की बात सामने आने पर मामला फिर ठप हो गया। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को पुलिस ने मेहंदौरी में रहने वाले एक बदमाश के घर छापा मारा लेकिन उसे भी पकड़ा नहीं जा सका। हालत यह है कि कर्नलगंज पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच की टीम भी इस मामले में घनचक्कर बनी हुई है। यह वजह है कि कभी पुलिस शूटरों की तलाश में प्रतापगढ़ में छापा मारती है तो कभी कटरा और आसपास के इलाकों में दबिश देती है। फिलहाल क्राइम ब्रांच और कर्नलगंज पुलिस की आठ दिन की कवायदों का नतीजा अभी जीरो है। बड़ी बात यह कि पूछने पर हर बार अफसर यही जवाब देते हैं प्रयास जारी है। इस संबंध में सीओ कर्नलगंज आलोक मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने फिर रटा-रटाया जवाब दिया। कहा कि शूटरों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। हालांकि प्रयास कब सफल होंगे, इस बारे में वह कोई जवाब नहीं दे सके। पुलिस अब तक शूटरों को तो छोड़िए, मामले के दूसरे नामजद आरोपी को भी नहीं पकड़ सकी है। अधिवक्ता की हत्या के बाद उनके परिजनों ने होटल मालिक प्रदीप जयसवाल के साथ ही नगर निगम कर्मचारी कमल को भी नामजद किया था। हालांकि कमल को पुलिस अब तक नहीं गिरफ्तार कर सकी है। इस संबंध में कर्नलगंज पुलिस का कहना है कि नगर निगम में कार्यरत कमल नाम के तीन कर्मचारियों की फोटो वादी को दिखाई गई थी। हालांकि उन्होंने इनमें से किसी को पहचानने से इंकार कर दिया।
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