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Saturday, February 8, 2025 6:23:31 PM

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जानलेवा बन रहे डग्गामार वाहन,प्रशासन,बना अंजान

जानलेवा बन रहे डग्गामार वाहन,प्रशासन,बना अंजान

लहरपुर। नगर में अनाधिकृत रूप से चल रहे डग्गा मार वाहनों से सवारियां ढोने वाले बस वाहनों की तीव्र रफ्तार पर अंकुश न लग पाने के कारण आए दिन बडे सड़क हादसों में लोगों की मौतें हो रही हैं लेकिन विभागीय अधिकारी यह सब देखकर अंजान बने हुए हैं। जबकि कुछ दिन पहले लहरपुर क्षेत्र के शहर बाज़ार काशीपुर यूनियन कार्यालय के सामने एक तेज रफ्तार प्राइवेट बस ज़बरन रोडवेज़ बस से पास लेना चाहा और साइड में रोडवेज़ बस से जा लड़ी एक अनहोनी होने से बच गयी लेकिन रोडवेज़ में बैठी सवारियों ने उतर कर अपनी जान बचाई जिसमें कई लोगों के चोटे भी आई। जनपद भर में सडकों पर चल रही बेलगाम अनियंत्रित गति व परमिट से अतिरिक्त सवारियां भरकर यात्रियों को मौत के मुंह में लेकर चलने वाली बसों पर एआरटीओ महकमा भी कार्रवाई करने में पीछे हैं बताते चलें कि नगर के प्रमुख चौराहों लहरपुर से हरगांव,लखीमपुर से गोला,लखीमपुर से रामापुर होते हुए सिसैया बिसवां सीतापुर जाने वाली डग्गामार बसें सहित विभिन्न मार्गों पर ओवरलोड व अनियंत्रित गति से चलने वाली वाहनों पर अंकुश लगता नजर नहीं आ रहा है। इसका प्रमुख कारण है कि एक ओर जहां चालकों की तेज गति से वाहन चलाने और प्रत्येक थाना चौकियों के क्षेत्रों में हल्का इंचार्ज व बीट सिपाहियों द्वारा वाहनों की तीव्र गति की अनदेखी करना है। इस कारण समूचे क्षेत्र मे आंकड़ों पर गौर करें तो लहरपुर से बिसवां मार्ग पर प्रत्येक माह कई दुर्घटनाएँ होती रहती है वही लखीमपुर स्टेण्ड से मार्ग लखीमपुर मार्ग पर लोगों के साथ कई सड़क हादसे चोटें व मौतों के मामले हो चुके हैं। वहीं पीड़ितों के हजारों परिवारों के लोगों को इन दुर्घटनाओं के चलते अपनों से बिछड़ने व उपचार कराने में लाखों रुपयो को खर्च के लिए विवश होना पड़ता है। बस चालकों द्वारा तीव्र रफ्तार में पहले तो स्टैंड के ठेकेदारों में नंबर लगाने की होड़ लगी रहती है,जिससे नंबर पहले लग जाए तथा दिन में कई कई चक्कर लगाकर कमाई की जाए। वहीं इस होड़ में कई बार बसों चालकों द्वारा वाहनों को बेतरतीब खड़ा करने से जाम की स्थिति हो जाती है। साथ ही सवारियां बैठाने के चलते बस चालक आपस में भिड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में बिना किसी निश्चित स्थान के एकाएक वाहनों के रोक देने से पीछे चल रहे बाइक सवार पुरुष,महिलाएं, स्कूली बच्चे आदि टकरा जाते है,परंतु इस सबसे बस चालकों को कोई फर्क नहीं पड़ता। साथ ही पुलिस ऐसे मामलों में किसी शिकायत के न होने के कारण कार्रवाई करने से भी गुरेज करती है।

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