दिनभर सड़क पर दौड़ते आवारा जानवर किसी काल से कम नहीं। जब वो आपके तरफ दौड़ लगाते हैं तो लगता है कि आज तो बचना मुश्किल है। इस सरकार में तरक्की के नाम पर यही आवारा पशुओं की धमाचौकड़ी है। हाल ही में हुए यूपी के सीतापुर जिले के खैराबाद इलाके में खूंखार कुत्तों का आतंक देखने को मिला जहा पर कुत्तों के हमले से 12 बच्चों की मौत हुई जबकि कई जख्मी हुए. बच्चे डर की वजह से स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं. आवारा जानवरों के साथ साथ पालतू जानवर को पलने वाले भी लापरवाही कर आम इन्शान को होने वाली दिक्कत का सबब बनते है, कुछ सरकारी नुमाइंदे की लापरवाही जो हजारों की तनख्वाह लेकर भी अपना काम ईमानदारी से नहीं करते। कुछ नाकामी नीति नियंताओं की जो आम जन को खतरे में डाल कर भी निश्चिंत रहते हैं। कुछ हम सभी जनता की लापरवाही जो सब देख कर भी आवाज़ नहीं उठाते। हमारे मत से ज्यादातर सरकारी महकमा भ्रष्टाचार का अड्डा है चाहे अस्पताल हो चाहे कोई संस्थान हो, किस किस का नाम लिया जाए, कोई बचा ही नहीं, सब खाने पीने में मस्त है. सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन के नाम पर खुले आम हजारों वसूले जाते, कुछ कहो तो धमकी सुनो प्राइवेट में पचास हजार रूपए लगते हम तो कुछ ही हजार मांग रहे। अब आपलोग कहेंगे तो फिर सरकारी अस्पताल में पैसे देते ही क्यों हो? भैया जब इलाज ही नहीं करेंगे तो मजबूरी में देना पड़ता है। ऑपरेशन का मामला है कौन पंगा ले। जरा सी लापरवाही कर दी जान चली जाएगी। गंगा मैया अभी तक कितने करोड़ रूपए ले चुकी पर साफ होने का नाम ही नहीं लेती। पर एक काम ठीक है इसी बहाने कितने लोगो की रोजी रोटी चल रही। अब सुनने में आया है 2019 में साफ होंगी। अभी कुछ दिन पहले कोई कह रहा था गंगा मैया साफ नहीं कर पाई तो आत्महत्या कर लेंगे। अब कह रहे अगले चुनाव में जीता दीजिए अबकी जी जान से प्रयास करेंगे। गंगा मैया की जय। तुम्हारी महिमा अपरम्पार। कितनी पार्टियों की खेवनहार हो। भारत में गाय, मंदिर, मस्जिद, गंगा ये सब अहम मुद्दे हैं। आम इंसान, मरता किसान, बेजान बचपन की चिंता करने की जरूरत क्या है?
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