स्टेशन पर बैठे इंतजार कर रहे हैं पता चला कैंसिल हो गई। ट्रेनों के ऐसे हालात से यात्री नाराज हो रहे हैं। उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के आंकड़े इस नाराजगी की गवाही देे रहे हैं। 1 करोड़ 32 लाख यात्रियोें ने ट्रेनों के सफर से मुंह मोड़ लिया। इसमें उत्तर रेलवे के स्टेशनों से 64 लाख और पूर्वोत्तर से 68 लाख यात्रियों की संख्या कम हुई है। स्टेशनों पर फ्री-वाईफाई, एटीवीएम, वाटर वेंडिंग मशीनें, एस्केलेटर, लिफ्ट की सुविधाएं भी यात्रियों को रेलवे से जोड़े रखने में सफल साबित नहीं हो पा रही हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल व चेयरमैन रेलवे बोर्ड अश्विनी लोहानी का रेलयात्रियों की सुविधा पर फोकस है। ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए पटरियों की मरम्मत से लेकर लंबी कतारों से यात्रियों को राहत देने की योजनाएं बनाई गईं। चारबाग रेलवे स्टेशन व गोमतीनगर स्टेशन को रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) के मार्फत करीब तीन हजार करोड़ रुपये से अत्याधुनिक बनाने का खाका तैयार करवाया। अब देखना है कि इन सुविधाओं से आने वाले वक्त में रेलवे यात्रियों को कितना आकर्षित कर पाती है।
02 लाख लोग रोजाना करते हैं सफर
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में ए-1 श्रेणी के चारबाग रेलवे स्टेशन सहित 198 रेलवे स्टेशन हैं। इसमें चारबाग में अकेले करीब डेढ़ लाख पैसेंजर रोजाना यात्रा करते हैं। वहीं पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में लखनऊ जंक्शन सहित 147 रेलवे स्टेशन हैं। लखनऊ जंक्शन से करीब 50 हजार यात्री सफर करते हैं। रेल से रूठे, पहुंचे एयरपोर्ट
रेलवे से तंग यात्री एयरपोर्ट व बस स्टेशनों का रुख कर रहे हैं। यहां यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। अमौसी एयरपोर्ट पर 2016-17 में जहां 39.79 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी थी, वहीं 2017-18 में इनकी संख्या बढ़कर 47.52 लाख प्रतिवर्ष हो गई है। इसमें घरेलू व अंतरराष्ट्रीय यात्री शामिल हैं।
वहीं परिवहन निगम की सुपरलग्जरी बसें स्कैनिया, जनरथ, वॉल्वो भी रेलयात्रियों को आकर्षित कर रही हैं। लखनऊ से परिवहन निगम की करीब 12 सौ बसों का संचालन होता है। इसमें 225 एसी बसें हैं। इन बसों से सालाना करीब 80 हजार पैसेंजर यात्रा करते हैं।
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