बहराइच 08 मई। सोमवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले 61 सूत्री कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने जिला पंचायत की सम्पत्तियों पर अवैध कब्ज़ा का विवरण न उपलब्ध कराये जाने और बैठक से अनुपस्थित रहने पर अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत बहराइच से स्पष्टीकरण प्राप्त किये जाने का निर्देश दिया। इसी प्रकार लोक निर्माण, सिंचाई, बेसिक शिक्षा, नगर पालिका, विनियमित क्षेत्र, माध्यमिक शिक्षा, पंचायती राज, स्वास्थ्य विभाग, वन सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के माध्यम से विभागीय सम्पत्ति पर अवैध कब्ज़े की रिपोर्ट प्राप्त कर उपलब्ध करा दें, ताकि सरकारी सम्पत्ति को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराया जा सके।
राजस्व वादों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये कि 05 वर्ष से अधिक पुराने वादों का अभियान चलाकर निस्तारण कराया जाय। सम्पूर्ण समाधान दिवस तथा थाना समाधान दिवस के अवसर पर प्राप्त होने वाले प्रार्थना-पत्रों का समुचित अभिलेखीकरण कराते हुए उनका निस्तारण गुणवत्तापरक ढंग से कराया जाय। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि फरियादियों से मोबाइल नम्बर अवश्य प्राप्त किये जायें। फरियादी के पास मोबाइल न होने पर उसके सम्बन्धी अथवा आस-पास रहने वाले किसी व्यक्ति का मोबाइल नम्बर अवश्य प्राप्त कर लें ताकि निस्तारण के गुणवत्ता की जाॅच हो सके।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि जनहित गारण्टी अधिनियम अन्तर्गत आने वाली सेवाओं यथा जन्म, मृत्यु, आवास, आय व जाति इत्यादि प्रमाण-पत्रों को निर्धारित समय के अन्दर निस्तारित किया जाय। उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि के अन्दर निस्तारण न पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। दैवी आपदा से प्रभावित लोगों को समय से गृह अनुदान, अहेतुक तथा अनुग्रह सहायता इत्यादि की धनराशि उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि धनराशि स्थानान्तरण से पूर्व खाता संख्या, आईएफएससी कोड इत्यादि का सत्यापन अवश्य कर लें ताकि सम्बन्धित को तत्काल धनराशि प्राप्त हो सके।
आईजीआरएस के माध्यम से प्राप्त प्रार्थनों-पत्रों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान विद्युत, सिंचाई, बैंक, ग्राम्य विकास, कृषि, खाद्य एवं रसद, लोक निर्माण इत्यादि विभागों को डिफाल्टर पाये जाने पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए जिले के समस्त अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी स्तर पर प्रार्थना-पत्रों को लम्बित न रखा जाय। डिफाल्टर विभागों को कड़े निर्देश दिये गये कि तत्काल लम्बित प्रार्थना-पत्रों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करायें। ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान पाया गया कि 04 पूर्ण परियोजनाएं विद्युतीकरण कार्य के अभाव में हस्तान्तरित नहीं हो सकी हैं। इस स्थिति पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए डीएम ने अधि.अभि. विद्युत को निर्देश दिया कि तत्काल विद्युतीकरण कार्य करा दें।
आॅगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण कार्य की समीक्षा के दौरान डीएम ने सीडीओ को निर्देश दिया कि कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से आकस्मिक रूप से जाॅच करायी जाय। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि ऐसी विभागीय योजनाएं जिनसे जनपद की रैंकिंग निर्धारित होती है, उनमें कोई कोताही न बरती जाय तथा ऐसी योजनाओं की डाटा फीडिंग का कार्य भी समय से कराया जाय। बैठक के दौरान राजस्व वसूली, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, लोक निर्माण, खाद्य सुरक्षा, सर्व शिक्षा अभियान, राज्य वित्त आयोग, विद्युतीकरण, पारदर्शी किसान योजना इत्यादि बिन्दुओं की समीक्षा की गयी तथा सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार यादव, उप जिलाधिकारी सदर एस.पी. शुक्ल, नानपारा के सिद्धार्थ यादव, पयागपुर के डा. संतोष उपाध्याय, मिहींपुरवा (मोतीपुर) के कुवॅर वीरेन्द्र मौर्य, जिला विकास अधिकारी ओ.पी. आर्य, पीडी डीआरडीए अभिमन्यु सिंह, अधि.अभि. लो.नि.वि. राजीव कुमार, विद्युत के मुकेश बाबू, सिंचाई के ए.के. सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. अमर कान्त सिंह, जिला गन्ना अधिकारी राम किशन, जिला पंचायत राज अधिकारी के.बी. वर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीमती लवी मिश्रा, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी अशोक कुमार गौतम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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