मण्डल में संचालित हो रहे सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों व इन्टर कालेजों के खिलाफ अभियान चलाकर बन्द कराया जाय। वाहन चालकों चरित्र सत्यापन कराया जाय तथा सभी स्कूल व कालेजों के प्रबन्धक अपने-अपने विद्यालय में वाहन व्यवस्था व बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के हेतु नोडल अध्यापक नामित कर दस दिन के अन्दर रिपोर्ट आरटीओ कार्यालय में जमा करा दें। यह निर्देश देवीपाटन मण्डल के आयुक्त सुधेश ओझा ने कुशीनगर में स्कूली वैन हादसे का संज्ञान लेते हुए समस्त विभागीय अधिकारियों व स्कूलों के प्रबन्धकों को दिए हैं। आयुक्त सभागार में आयोजित बैठक में आयुक्त देवीपाटन मण्डल श्री ओझा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परिवहन विभाग द्वारा जारी मानकों व नियमों को ताख पर रखकर वाहन संचालित कराने वाले स्कूल प्रबन्धकों व प्राइवेट वाहन चालकों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करें। उन्होने कहा खटारा वाहनों को सीज करने की कार्यवाही प्रारम्भ कर दें। उन्होने परिवहन विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि यदि लापरवाही के कारण कोई हादसा हुआ तो निश्चित ही कार्यवाही की जाएगी। उन्होने कहा कि जिन स्कूलों या कालेजों में बसों या अन्य वाहनों से बच्चों को लाने ले जाने की व्यवस्था है उन सभी वाहनों के चालकों, कन्डकटर व हेल्पर का पुलिस वेरीफिकेशन व चरित्र सत्यापन कराकर निर्धारित प्रारूप पर पूरी सूचना आरटीओ कार्यलय में बिलम्बतम 10 मई तक हर हाल में जमा करा दें। यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी ड्राइवर जो कि शराब आदि का नशा करता हो उससे वाहन न चलवाया जाय। स्कूली बसों की भौतिक स्थिति के बारे में निर्देश देते हुए कहा कि जो भी मानक परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित किए गए हें उनका अक्षरशः अनुपालन कराया जाय। पूरे मण्डल में स्कूलों में लगे वाहनों की परमिट व लाइसेन्स अवधि की भी चेकिंग करा ली जाय ओर बिना परमिट चलने वाले वाहनों को सीज कर मोटर मालिक के खिलाफ संसुगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जाय। उन्होने स्पष्ट निर्देश दिए कि परिवहन विभाग एक-एक वाहन की चेकिंग करे और यह सुनिश्चित कराएं कि कोई भी घटना खराब प्रबन्धन या ड्राइवर की लापरवाही से न घटित होने पावे। वाहनों में क्षमता से अहिधक बच्चे ढोने वाले वाहनों को तत्काल सीज किया जाय। सभी गाड़ियों पर वाहन मालिक व स्कूल प्रबन्धन के मोबाइल नम्बर के साथ साथ उच्च अधिकारियों के मोबाइल नम्बर वाहनों पर अनिवार्य रूप से लिखवाए जाएं जिससे तेज गति से वाहन चलने व संदिग्ध अवस्था सूचना एवं शिकायत सम्बन्धित विद्यालय व अधिकारियों को की जा सके। इसके अलावा मण्डल में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों व कालेजों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की जाय। डीआईजी अनिल कुमार राय ने सभी स्कूल प्रबन्धकों को निर्देश दिए कि वे एक सप्ताह के अन्दर अभिभावकों के साथ मीटिंग कर उन्हें जागरूक कर दें तथा बच्चों की सुरक्षा हेतु कम उम्र में वाहन न चलाने देने व बिना लाइसेन्स व हेल्मेट के कतई बच्चों को वाहन न चलाने देने के लिए प्रेरित करें। डीआईजी ने कहा कि प्रायः बच्चों की जिद पर अभिभावकों बच्चों को हाईस्पीड गाड़िया खरीद दी जाती हैं जिससे बच्चे असमय दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। इसलिए ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अभिभावकों को भी जागरूक किया जाना आवश्यक हैं। आयुक्त ने हाल ही में स्कूलों द्वार ज्यादा फीस लिए जाने व एडमीशन सम्बन्धी पास किए गए कानून का शत-प्रतिशत अनुपालन करने की सख्त चेतावनी सभी स्कूल व कालेज प्रबन्धकों को दी है। आयुक्त कहा कि पांच वर्ष तक कोई भी विद्यालय ड्रेस कोड नहीं बदलेगा और अभिभावकों पर दुकान विश्ेाष से कापी किताबें, जूते मोजे व अन्य सामग्रियां खरीदने का दबाव नहीं बनाएगा। उन्होने आगाह किया कि यदि ऐसी शिकायत मिली तो सम्बन्धित विद्यालय के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। बैठक में डीआईजी देवीपाटन अनिल राय, आरटीओ डीके पाण्डेय, एआरटीओ प्रशासन सर्वेश गौतम, एआरटीओ प्रवर्तन, एआरएम रोडवेज, डीआईओएस गोण्डा एसपी त्रिपाठी, बीएसए संतोष कुमार देव पाण्डेय,खण्ड शिक्षा अधिकारीगण प्रिन्सिपल जीआईसी व जीजीआईसी सहित विभिन्न स्कूलों के प्रबन्धक उपस्थित रहे।
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