उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक दलित की गांव के दबंगों द्वारा जूते से पिटाई मामले में राज्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग ने संज्ञान ले लिया है. इस संबंध में आयोग के अध्यक्ष बृजलाल द्वारा बरेली जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश को पत्र भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि बदायूं में वाल्मीकि समाज के एक व्यक्ति पर हुए अत्याचार का मामला सामने आया है. यह अति संवेदनशील मामला है.मामले में आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने न्यूज 18 को बताया कि एडीजी बरेली से मेरी बात हुई है. मामले में आईजी मौके पर पहुंच कर जांच कर रहे हैं. वहीं इस संबंध में हजरतपुर इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. पीड़ित को काफी चोटें आई हैं. उन्होंने कहा कि हमने एडीजी से कहा है कि मामले में कठोर कार्रवाई कराकर आयोग को सूचित करें.बृजलाल ने कहा कि आईजी ये भी देखें कि मामले में पुलिस की तरफ से कोई लापरवाही बरती गई है या नहीं. अगर लापरवाही सामने आती है तो संबंधित पुलिस कर्मी या अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए. साथ ही इस कार्रवाई से आयोग को अवगत भी कराया जाए.बता दें, बदायूं के हजरतपुर थाना क्षेत्र के गांव आजमपुर निवासी सीताराम ने आईजी जोन बरेली को शिकायती पत्र में बताया है कि 24 अप्रैल को गांव के दबंगों ने उसे फसल कटाई के लिए कहा था लेकिन उसने इनकार कर दिया. सीताराम का आरोप है कि जब वह अपने खेतों में काम कर रहा था, तब दबंगों ने आकर उसे पेड़ से बांध दिया और जूतों से उसकी पिटाई की. इतना ही नहीं उसके लिए जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया गया.पीड़ित के शिकायती पत्र के बाद आईजी ने एसएसपी से मामले की जानकारी लेकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया है. वहीं थाना पुलिस ने आरोपी विजय सिंह, शिलेंद्र, विक्रम सिंह और पिंकू के खिलाफ एससीएसटी सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.इस मामले में एसएसपी ने बताया कि दलित और गांव के लोगों में मार-पिटाई का मामला सामने आया था, जिसकी पुलिस ने जांच की लेकिन ये मामला झूठा निकला. एसएसपी ने बताया कि बाद में दोबारा पिटाई का आरोप लगाया गया. इसके बाद दोनों पक्षों को थाने लाया गया था. एसएसपी का कहना है कि सीताराम की शिकायत के बाद मामला दर्ज करा दिया गया है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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