बहराइच : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के जिले में ही अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के चयन को लेकर जिस तरह लापरवाही सामने आई है, वह अपने आप में एक नजीर है। पहले शिक्षकों के चयन में बिना परीक्षा के ही चयन का मामला प्रकाश में आया था। इस पर प्राथमिक शिक्षक संघ ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी। अब स्कूलों के चयन का मामला सुर्ख हो रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के चयन में मनमानी की है। आरटीई एक्ट के नियमों के तहत पांच शिक्षकों की तैनाती केवल उन्हीं विद्यालयों में की जा सकती है, जहां डेढ़ सौ या डेढ़ सौ से अधिक छात्र पंजीकृत हों, लेकिन विभाग ने आरटीई एक्ट के नियमों को दरकिनार कर ऐसे विद्यालयों का चयन किया है। 1अभी कुछ दिन पूर्व डीएम के निरीक्षण में एक विद्यालय में अंग्रेजी शिक्षिका के अंग्रेजी के एक शब्द की स्पेलिंग न बता पाने की खबर चर्चा में थी, जिस पर जिलाधिकारी ने शिक्षकों की परीक्षा लेने के निर्देश दिए थे। इस पर विभाग की काफी फजीहत भी हुई, लेकिन अब आरटीई एक्ट के नियमों को दरकिनार कर मनमानी पूर्वक स्कूलों के चयन का मामला प्रकाश में आया है। तेजवापुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय चेतरा खास व प्राथमिक विद्यालय सरैया का चयन अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के रूप में हुआ है। अंग्रेजी माध्यम के चयनित स्कूलों में एक प्रधान शिक्षक समेत चार सहायक शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे, लेकिन चयनित इन दोनों विद्यालयों में छात्र संख्या आरटीई एक्ट के नियमों के अनुसार 150 होनी चाहिए। प्राथमिक विद्यालय चेतरा खास में 88 छात्र और प्राथमिक विद्यालय सरैया में 107 बच्चों का ही पंजीकरण है। इसको लेकर शिक्षकों में उबाल है। शिक्षकों ने बताया कि कई विद्यालय जहां छात्र संख्या 200 से अधिक है उनका चयन अंग्रेजी माध्यम में नहीं किया गया, जबकि कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का चयन कर दिया गया है। बीईओ प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया यह सही है कि प्राथमिक विद्यालय चेतरा खास व सरैया में छात्र संख्या 150 से कम है। यहां पर पांच शिक्षकों की अंग्रेजी माध्यम के लिए तैनाती की जाएगी, लेकिन यह चयन उनके स्तर से नहीं किया गया है। फिर भी इन चयनित विद्यालयों में 150 छात्र संख्या पूरा करने के लिए शिक्षकों को लक्ष्य दिया जाएगा। लक्ष्य पूरा न होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को बीएसए डॉ.अमरकांत सिंह के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया तो उनके मोबाइल की घंटी बजती रही। फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा
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