रिसिया बहराइच। परीक्षा सत्र आगाज होने के पहले राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय द्वारा आयोजित लिखित प्रवेश परीक्षा 27,3, 2018 को जिला समाज कल्याण अधिकारी लवी मिश्रा की अध्यक्षता में कराई गई थी। इस परीक्षा की जब कॉपी 2,4, 2018 को चेक करने को दी गई। तब प्रधानाचार्य और लिपिक कमल आर्या ने शिक्षा के मंदिर को कमाई का धंधा बना डाला। कॉपी चेक करने के दौरान दलालों के माध्यम से अभिभावकों से प्रवेश परीक्षा में उनके बच्चों को पास करने के लिए 10 से ₹15000 उसूल किए गए। जब इस विषय में स्कूल प्रशासन से पूछा गया तो कुछ भी बोलने से स्कूल प्रशासन ने मना कर दिया। सूत्रों ने बताया कि कमल आर्या और प्रधानाचार्य मिलीभगत से कार्य किया जा रहा है जब इस विषय में अभिभावक से बात किया गया तो पता चला प्रधानाचार्य ने कहा की 10 से 15000 हजार रुपया अधिकारी लेते हैं तभी आपका बच्चे का नाम आएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बताते हैं और दावा करते हैं कि जब से हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में बनी है। तब से उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त होता जा रहा है। यह अधिकारी मुख्यमंत्री के दावे को किस प्रकार बट्टा लगाते हैं यह आज सबके सामने आ चुका है। शिक्षा व्यवस्था में निश्चित नीति का अभाव:
अप्रैल लगते ही उत्तर प्रदेश में शिक्षा के लिए नए सत्र का आगाज तो हो चुका है लेकिन अभी तक सरकार द्वारा कोई निश्चित नहीं बच्चों की प्रवेश परीक्षा के लिए नहीं बनाई जा सकी है। 1- अगर शिक्षा व्यवस्था में निश्चित नियत बनाई गई होती तो क्या किया जांच होने के बाद नोटिस बोर्ड पर उनकी रिजल्ट चिपकाए गए होते ना कि दलालों के माध्यम से अभिभावकों से रुपए वसूले जाते। 2- प्रवेश परीक्षा जब समाज कल्याण विभाग के अधिकार ी की निगरानी में संभव हुई थी तो क्यों नहीं उसकी जांच में गोपनीयता रखी गई। 3- कॉपियों के मूल्यांकन में कॉलेज प्रशासन को क्यों शामिल किया गया। कहने के लिए तो यह एक बुनियादी सवाल है लेकिन यह एक शिक्षा प्रक्रिया में बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। *योगी राज में अजब-गजब के कारनामे
*उत्तम प्रदेश का सपना दिखाकर ननिहाल बच्चों के भविष्य के साथ किस प्रकार खिलवाड़ किया जा रहा है। इसका एक जीता जागता उदाहरण आश्रम पद्धति रिसिया के प्रवेश परीक्षा में सांफ दिखाई पड़ता है पिछले साल 2017 की कॉपियां वाह बच्चे इनके जवलंत उदाहरण है आज भी जांच कराई जाए सच्चाई का पर्दाफाश हो जाएगा अगर कोई अधिकारी जांच नहीं कराता है संदेह है के वह भी इस में लिप्त है यही प्रक्रिया इस शास्त्र मैं अपनाई जा रही है जिस पर किसी अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है अगर यही स्थिति रही आगे विस्फोटक स्थिति पैदा हो सकती है इसकी जांच कराकर वर्तमान परीक्षा को निरस्त करवा कर दोबारा कराई जाए तथा दोषियों को दंडित किया जाए
अभिभावक द्वारा प्रशासन से मांग की गई है कि दोबारा परीक्षा राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में कराई जाए और भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाय। *
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