यूपी में विधायक और मंत्री के इर्द गिर्द घुमने वाले अनेको मामले आप ने सुने होंगे परन्तु सोंचने वाली बात यह है की अनेकों मामले विधायक और मंत्रियो के सर ही क्यूँ फोड़ो जाते है? इस सवाल का, मात्र एक जवाब हो सकता है और वह है भौकाल.कभी पैसे का भौकाल तो कभी सत्ता का भौकाल अनेको बार तो लोग मंत्री और विधायकों के नाम से भी अधिकारी और पीडितो को डराते है और जिनके नाम से डराया जाता है वो मलाई खाने में व्यस्त रहते है उन्हें कुछ पता ही नहीं होता.और पीड़ित न्याय की आस में उस दरवाजे तक पहुँचने को विवश हो जाता है जिसे न्यालय कहते है. क्या हर मामले का निवारण न्यालय में ही होगा या फिर अधिकारी भी अपना कर्तव्य निभाते हुए न्यालय और सरकार का बोझ कम करने का काम करेंगे. ताजा मामला यूपी के बहराइच शहर के मोहल्ला कनुनगोपुरा का है जहा पर रहने मुन्ना व असलम कारपेंटर का कार्य कर के अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते है. शहर में ही रहने वाले एक और कारपेंटर नसीम ने इन दोनों को मजदूरी हेतु सुल्तानपुर किसी विधायक के आवास पर ले गया था. मुन्ना व असलम से कई दिनों तक वहा भूखे प्यासे मजदूरी कराई गयी परन्तु तय अनुसार उन्हें मजदूरी नहीं दी गयी. पीड़ित की मने तो हजारो रुपये विधायक की धौंस दिखा कर हजम किया जा रहा है जिसकी शिकायत उन्होंने लिखित रूप में लेबर इंस्पेक्टर से की है. मामले की जानकारी लेने पर इंस्पेक्टर ने बताया की दोनों पार्टी को आमने सामने बिठा कर मामला निवारण करने का प्रयास किया गया परन्तु अभी कुछ हल नहीं निकल पाया है. उन्होंने बताया की तय अनुसार पूरी मजदूरी दिए जाने के साक्ष मांगे गए है जिसके लिए 20 अप्रैल तक का समय दिया गया है आगे की कार्यवाही तभी संभव होगी. देखने वाली दिलचस्प बात यह होगी कि इस पर प्रशासन का क्या रवैया होगा क्या पीड़ित को इंसाफ मिलेगा या फिर यहाँ भी भौकाल का बोल बाला होगा?.
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