बहराइच से बीजेपी की सांसद सावित्री बाई फुले बुधवार को एक बार फिर अपनी पार्टी और सरकार से नाराज दिखीं. उन्होंने प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार पर चिंता जताई और सरकार से इस पर दखल देने की मांग की. सावित्री बाई फुले ने कहा कि हमारी न तो सरकार से नाराजगी है, न हीं पार्टी से नाराजगी है. मैं डॉ आंबेडकर के बनाए गए संविधान और दिए गए आरक्षण के तहत बहराइच लोकसभा सीट से सांसद चुनी गई हूं. मेरी जिम्मेदारी बनती है कि देश के बहुजनों पर हो रहे अत्याचार, शोषण, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाऊं. चाहे वह सदन हो या सड़क मैं हर जगह संघर्ष करूंगी.सांसद ने कहा कि 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान अनुसूचित जाति के लोग जो शहीद हुए हैं साथ ही जिन्होंने हमला किया है, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस विषय में जांच बिठानी चाहिए कि जब बहुजन समाज शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहा था उसे खूनी क्रांति में बदलकर बहुजन समाज का दिमाग हटाने की साजिश की गई. उन्होंने कहा कि ये साजिश जिन लोगों ने रची है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.जब सांसद से ये पूछा गया कि क्या योगी सरकार कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं है? तो सावित्री बाई फुले ने कहा कि मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि अगर साजिशकर्ताओं से सख्ती से नहीं निपटा गया तो बहुजन समाज बहुत आहत होगा. मैं सरकार से मांग करती हूं कि अन्याय करने वालों के खिलाफ हर कीमत पर कार्रवाई होनी चाहिए. बहुजन समाज के पढ़ने वाले बच्चों, युवाओं को पुलिस ने जेल भेज दी है. मेरी सरकार से मांग है कि ऐसे युवाओं को छोड़ा जाए. नहीं उनका भविष्य खराब होगा.जब उनसे पूछा गया कि आप पार्टी की लाइन से हट कर अपनी आवाज उठा रहीं हैं. इस बगावती सुर के लिए उनको क्या खामियाजा भी भुगतना नहीं पड़ेगा? इस पर सांसद ने कहा कि मैं पार्टी के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल रही हूं और न ही मैं सरकार के विरोध में बोल रही हूं. सावित्री बाई फुले ने कहा कि मैं तो सरकार ही एक अंग हूं और ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि बहुजन समाज के साथ हो रहे अन्याय को रोका जाए. जो भी व्यक्ति ऐसा कर रहा है, वह किसी भी जाति धर्म या सम्प्रदाय का हो, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. उन्होंने कहा कि मैं सरकार से कहना चाहती हूं कि बहुजन समाज की संख्या देश में सबसे अधिक है, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है.
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