बहराइच -नानपारा क़स्बे विगत दिनों हुवे अतिक्रमण हटाओ अभियान का कोई निष्कर्ष नही निकाल पा रहा है जैसे कोई तूफान आता है और अपने साथ सबकुछ उड़ा ले जाता है ऐसा ही मंज़र क़स्बे में विगत दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियान में देखने को मिला नगर पालिका की बोर्ड की बैठक में जो कार्य प्रस्तावित नही था आनन फानन में वह कर दिया अतिक्रमण हटवाने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष ने सभासदों के साथ बैठक का ईओ को कारण बताओ नोटिस पकड़ा दी अतिक्रमण अभियान के दौरान चित्रांश ट्रेडर्स के मालिक एकान्त श्रीवास्तव अपनी बहन का इलाज करवाने लखनऊ गये थे उनकी पूरी दुकान और विजय स्वीट्स की पूरी दुकान ध्वस्त कर दी गई एकान्त श्रीवास्तव ने लोकसभा सांसद सावित्री बाई फुले के साथ ही जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, को पार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है चित्रांश ट्रेडर्स के मालिक का आरोप है कि यह दिन दहाड़े डकैती है पहले उनकी दुकान का सामान पुलिस कर्मियों और पालिका कर्मियों ने लूटा और उसके बाद उपजिलाधिकारी नानपारा और कोतवाल नानपारा की मौजूदगी में पूरी दुकान ध्वस्त कर दी गई एकान्त श्रीवास्तव कहते है कि हमको न्याय चाहिये 40 वर्षों से इस जगह पर वह काबिज थे उनका बैनामा भी है फिर नगर पालिका ने बगैर कोई पूर्व सूचना और नोटिस के बग़ैर कार्यवाही कैसे की यह अचानक लिया हुआ फैसला था या पहले से रची प्लानिंग य कुछ लोगों को टारगेट किया गया था
आपको बता दें की अचानक सुरु हुवा अभियान सिर्फ एक ही दिन चला उसके बाद कोई अतिक्रमण नही बचा किया वाकई नगर पालिका अध्यक्ष इस बात से अनजान थे कि अपनी जमीन खिसकती दिखी तो तुरंत कुछ सभासदों की बैठक आनन फानन बुला अनजान बनने लगे उस मीटिंग में अध्यक्ष ने काफी सरकारी संपत्ति का नुकसान भी गिनाया किया अध्यक्ष होने वाली इस कार्यवाही से अनजान थे और अधिशाषी अधिकारी संतोष कुमार चौधरी का अकेला लिया फैसला था य अध्यक्ष और इओ की वर्चस्व की लड़ाई तो नही है खैर जो भी कुछ रहा हो अब अधिकारी अपना अपना पल्ला झाड़ने में लगे है कोई अध्यक्ष को दोष दे रहा है कोई उपजिलाधिकारी, कोतवाल को मामला जो भी बर्बाद तो आम आदमी हो गया वर्षो से काबिज लोगों को बेरोजगारी की तरफ धकेल दिया गया है नगर पालिका ने जो स्थान लोगों एलाट किया था उससे पालिका की ही आमदनी में इज़ाफ़ा था अतिक्रमण हटाने के समय नगर पालिका परिषद के कर्मचारी गंगा राम की तानासाही खुल कर देखने को मिली वह जिसको बताते थे वही तोड़ फोड़ सुरु हो जाती थी ऐसा उस दिन लग रहा था कि यह गंगा राम ही सबसे बड़ा अफसर है लोगों का आरोप है कि यह सत्ता पक्ष के इशारे पर की गई कार्यवाही है और गंगाराम ने जिसको निशाने पर रखा उसी को निशाना बनाया गया है कुल मिला कर यह अभियान लोगों के बीच कुछ समय तक चलने वाली बहस छोड़ गया है
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






