यूपी के नए सियासी हालात में बीजेपी संगठन के पेंच कसने में जुटी है. जल्द ही बीजेपी सभी स्तर पर कार्यकर्ताओं का अदला-बदली कर संगठन के पुनर्गठन को अंजाम देगी. मिशन 2019 को जीतना है तो संगठन को और मजबूत करना होगा. इस बात को बीजेपी का नेतृत्व भली भांति समझता है. यही कारण है कि संगठन के पदाधिकारी इस बाबत जमीन पर काम शुरू कर चुके हैं. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ भी पश्चिम और बृज क्षेत्र का समन्वय बैठक कर चुका है. साथ ही हर जिले में समन्वय बैठक करने की संघ की य़ोजना भी है. सभी क्षेत्रों के विस्तारकों के साथ बैठक हो चुकी है. विस्तारकों को पार्टी की ब्रांडिंग को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है.पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और जिला पदाधिकारियों को चार-चार सेक्टर की जिम्मेदारी दी गई है. ये पदाधिकारी उन सेक्टरों पर जाकर बूथ समितियों को दुरुस्त कराएंगे. प्रत्येक सेक्टरों पर तैनात किए गए पदाधिकारी सेक्टर के स्तर बैठक कर बूथ समितियों का सत्यापन कर रहे हैं. इसके साथ जहां संगठन कमजोर है, वहां दूसरे पदाधिकारी नामित किए जाएंगे. पदाधिकारियों की तैनाती में सामाजिक समीकरण का खास ध्यान रखा जा रहा है. पिछड़ों और दलितों पर पार्टी का फोकस है और उनके बहुलता वाले क्षेत्रों में उन्हीं के बीच का पदाधिकारी रखा जाएगा.पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का निर्देश है कि निष्क्रिय कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को बाहर किया जाए और कर्मठ कार्यकर्ताओं को वरीयता दी जाए. बीजेपी की महानगर और जिला इकाई में भी संगठन इसी तर्ज पर बदलाव करेगा.कार्यकर्ताओं को अहमियत देने पर जोर शुरू हो गया है. इसके लिए पार्टी कार्यालय पर पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनने के निर्देश हैं. प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश मंत्री को दो दिन कार्यालय में बैठक कार्यकर्ताओं की सुननी है. वहीं महामंत्री भी एक दिन कार्यालय में बैठक जिलाध्यक्षों के माध्यम से आए कार्यकर्ताओं की सुनेंगे. यानी संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ता के कामों को वरीयता दी जाएगी और सरकार के साथ सामंजस्य बैठाकर काम किया जाएगा.नए सियासी माहौल में सारा फोकस संगठन के पुनर्गठन पर है. बृज और काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष का पद भी खाली पड़ा है. जिसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व के हरी झंडी का इंतजार है. बदले सियासी माहौल में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे की काफी अहमियत है. छोटे से बड़े सभी स्तर पर बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में संगठन और सरकार में जो भी बदलाव होगा. उसकी मुहर अमित शाह के लखनऊ प्रवास के दौरान लग जाएगी.बीजेपी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि प्रदेश ईकाई में बदलाव सभी ने देखा. अभी काशी और बृज क्षेत्र में नए अध्यक्ष बनने हैं. कारण ये है कि दोनों क्षेत्रों के अध्यक्ष प्रदेश के उपाध्यक्ष हैं. उसी तरह से कई जगह मंडल अध्यक्षों को लेकर चयन होना है. हम बूथ स्तर पर फीडबैक ले रहे हैं. सत्यापन का काम जारी है. जो बदलाव की आवश्यकता होगी, वह बदलाव करेंगे. संगठन के पुनर्गठन, पुर्नसंरचना का काम जारी है.
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