बहराइच। पिछले कई माह से विभिन्न अखबारों में माध्यमिक शिछा विभाग में दीमक की तरह व्याप्त भ्रष्टाचार की ख़बरें समय समय पर आवाम व प्रशाशनिक अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद भी छोटे छोटे मामलो में सुबूत मांगने वाले जिम्मेदारों ने कोई कार्यवाही भले ही न की हो लेकिन आज भी विभाग में भ्रष्टाचार का क्रम टूटने का नाम नहीं ले रहा है। और यदि इस क्रम को आगे बढ़ाया जाय तो कलेक्ट्रेट में अपनी मुखिया के सामने जमे एक कर्मी पर भी कहीं न कहीं से इसकी गाज गिर सकती है। सूत्र बताते हैं कि कुछ वर्ष पूर्व वैध भागवांदीन बालिका इंटर कॉलेज नानपारा में हुई चार नियुक्तियों में उक्त कर्मी ने विभाग के तानाशाह लिपिक हरेन्द्र कुमार से सांठ गाँठ कर अपनी पत्नी की नियुक्ति उक्त विद्यालय में करवाने का कारनामा किया था। बताया यह भी जा रहा है की हुई नियुक्तियों में कॉलेज के प्रधानाचार्य की पत्नी व उनकी साली की नियुक्ति होने के साथ साथ कुल चार लोगों की नियुक्ति करवाई गई थी। और इन्हीं नियुक्तियों को आधार बनाकर तत्कालीन डीआइओएस रवीन्द्र सिंह ने भी फायदा उठाते हुवे अपने एक भतीजे की नियुक्ति आजाद इंटर कॉलेज में करवा दी थी। परिणाम स्वरूप पूर्व की भाँति अब तक उक्त विभाग में समय समय पर अवैध नियुक्ति के मामलों में लाखों का वारा न्यारा कर खेल खेला जाता रहा है। हालाँकि नियुक्तियों में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार को देखते हुवे कलेक्ट्रेट में उक्त कर्मी की तैनाती भी काफी खतरनाक बताई जा रही है। लोगों का यहाँ तक कहना है की जब सारा खेल नियुक्तियां करवाने वाले लोग ही खेल रहे हैं तो भला इसमें नियुक्तियां पाने वालों का क्या दोष है?इसकी तो जाँच करवाकर मामला सही पाय जाने पर दोषी कर्मियों के वेतन से ही इसकी रिकवरी भी की जानी चाहिये। जबकि डीआइओएस राजेन्द्र कुमार पांडे के संरच्छन में धन,बाल व अपने अहंकार में चूर कार्यालय न आने वाले लिपिक हरेन्द्र सिंह का विभाग में व्याप्त खौफ को देखते हुवे पूर्व डीएम अभय को भी प्रमुख सचिव सतर्कता उ0प्र0 शाशन लखनऊ को श्री हरेन्द्र द्वारा किये जा रहे कारनामों की शिकायत करनी पड़ी थी। जिसमे उन्होंने यह भी लिखा था कि पूर्व में भी हरेन्द्र सिंह कार्यालय जिला शिच्छा एवं प्रशिच्छन संस्थान एवं श्रावस्ती में जिला विद्यालय निरीच्छक पदेन खाता संख्या 20082761605 की विशेष संप्रेछा के पश्चात वित्तीय गंभीर अनियमितता सहित 1,51,41,305-00/-के गबन में दोषी पाये जाने के साथ ही जाल साजी,फरेब एवं अभिलेखों में कूट रचित तरीके से अनियमितता करने के आरोपी पाय गए हैं। यही नहीं पूर्व डीएम द्वारा यह भी लिखा गया कि लिपिकों,परिचारकों व अन्य की अनियमित रूप से की गई नियुक्तियों में इसके द्वारा लूट खसोट कर पर्याप्त धन की उगाही भी की गई। साथ ही यह भी वर्णित किया गया की श्री हरेन्द्र के खिलाफ उ0प्र0मा0शि0संघ (वित्तविहीनगुट)के प्रदेश अध्यछ लाल बिहारी यादव, जिला अध्यछ जगदम्बा प्रसाद मिश्र,गोरखपुर स्वदेशी जागरण मंच के विभाग संयोजक गिरिजेश त्रिपाठी के द्वारा भी इन पर गंभीर आरोपों लगाय गए थे और प्रमुख सचिव मा0को भी मामले से अवगत करवाया गया था। हालाँकि डीएम अभय द्वारा इससे पूर्व भी श्री हरेन्द्र के दो वर्षों के कार्यकाल का वर्णन करते हुवे प्रमुख सचिव मा0शि0उ0प्र0 शाशन को अवगत करवाते हुवे यह भी लिखा गया था कि श्री हरेन्द्र के खिलाफ कार्यालय में प्रायः मानकविहीन विद्यालयों को मान्यता दिलवाये जाने संबंधी अनेकों शिकायतें होती रही हैं और इनकी कार्यप्रणाली निष्पछ/पारदर्शितापूर्ण न होने के कारण आम जनमानस में इनकी छवि ठीक नहीं है। इन पर आरोप यह भी लगाया गया की इनके खिलाफ प्राप्त हो रही शिकायतों में जिन परीच्छा केंद्रों का निर्धारण माननीय न्यायालय के आदेश के अनुपालन में हुवे थे उन केंद्र व्यवस्थापकों को भी रवीन्द्र सिंह डीआइओएस व लिपिक हरेन्द्र सिंह द्वारा प्रताणित किया जा रहा है और अब वही पुराना खेल श्री हरेन्द्र द्वारा वर्तमान डीआइओएस राजेन्द्र कुमार पांडे के साथ मिलकर खेले जाने के आरोप लगाय जा रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार व अवैध नियुक्तियों के माहिर खिलाडी माने जा रहे श्री सिंह एक डीएम के सामने भी झुकता हुवा नज़र नहीं आया और पूरी दिलेरी दिखाते हुवे डीएम को भी न बख्शते हुवे पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 को भेजे गए शिकायती पत्र के माध्यम से उनपर तमाम आरोपों को मढ़ते हुवे उनसे अपने जानमाल का खतरा व बलात्कार आदि जैसे मामलों में फंसाये जाने के आरोप जड़ दिए। और अंततः अपने धनबल व पावर आदि का स्तेमाल करते हुवे आज भी पूरी दमदारी से जिले में जमे हुवे हैं। जबकि श्री हरेन्द्र व श्री पांडे के खिलाफ प्रशाशन व शाशन स्तर पर लगातार भ्रष्टता की शिकायत किये जाने के बाउजूद वर्तमान सरकार द्वारा अपराध व भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार ढिंढोरा पीटने के बाद भी कानून के लंबे लंबे हाथ इन दोनों पर कठोर एवं दंडनात्मक कार्यवाही करने के लिए अब तक लोगों की उम्मीद से काफी छोटे पड़ते दिखाई दिए हैं। अब लोगों को ऐसा महसूस होने लगा है की जिले का यह विभाग,विभाग न होकर मानो भ्रष्टाचार हब बन गया हो।
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