बहराइच-नानपारा तहसील क्षेत्र के साथ ही पूरे बहराईच जनपद में चिकित्सकों और फरमिस्टों कि डिग्रियां किराये पंर चल रही है वर्तमान समय मे जनपद में 90 प्रतिसत मेडिकल और क्लीनिक, नर्सिंग होम,पॉली क्लीनिक ऐसे है जो दूसरों की डिग्री पर किराये पंर चल रहे है और यह काम की सुरुवात होती स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर से अगर किसी को मेडिकल का लाइसेंस य क्लीनिक चलानी है तो वह मुख्यचिकित्साधिकारी के दफ्तर में जाये तो वहाँ के कर्मचारी और बाबू खुद ही सारी वयवस्था कर देते है बस उनके हाथ मे पैसा पहुँच जाये कैसे किसकी डिग्री लगानी है वहाँ वह खुद बता देंगे जनपद में हज़ारों झोलाछाप स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से अपना क्लीनिक चला रहे है कोई चाहे जितनी भी शिकायत कर के देख ले स्वास्थ्य महकमा कोई कार्यवाही नही करता और अगर कोई आगे शासन में शिकायत करता है और कोई बड़ा अधिकारी अगर जांच करने आने वाला होता है तो यही विभाग के कर्मचारी उनको बता देते है कि आज फला अधिकारी जांच पंर आने वाला है बताते चले कि नानपारा क़स्बे में झोलाछापों के साथ ही कई दर्जन बंगाली डॉक्टर अपना क्लीनिक चला रहे है नानपारा के सिंधी होटल की गली में श्री साई हेल्थ केयर के नाम से नर्सिंग होम चल रहा है जहाँ बगैर कोई महिला चिकित्सक के प्रसव केश बगैर डिग्री धारक और बगैर पढ़ी लिखी महिला प्रसव केश करवाती हैं क़स्बे के कब्रिस्तान के पास शाहीन पॉली क्लीनिक के नाम से एक बड़ा नर्सिंग होम बगैर कोई चिकित्सक के चलाया जा रहा है जहाँ पर क़स्बे की ही महिलाएं प्रसव केस करवाती है और नार्मल डिलीवरी केस में 8-10 हज़ार रुपया वसूल करती है इस क्लीनिक का संचालक रईस अहमद उर्फ पप्पू बगैर कोई डिग्री के हॉस्पिटल चलाता है आज जब हमारी टीम वहाँ पहुँची तो दर्जनों की संख्या में मरीज भर्ती दिखे 2 महिलाएं प्रसव केस के लिए रक्खी गई है कोई भी चिकित्सक वहाँ नही रहता है संचालक रईस अहमद ही सबकुछ करता है जबकि उसके पास कोई डिग्री भी नही है जैसे ही हमारी टीम वहाँ पहुँची उसके पाले हुवे 2-3 गुर्गे टीम से अभद्रता करने लगे और बाहर निकल जाने को कहने लगे पत्रकार से जब वहाँ के संचालक से डिग्री के बारे में पूछा गया तो बोला कि जाकर सी एम ओ से पूछ लो और अभद्रता पर उतारा हो गया
इस बारे में तुरंत ही मुख्य चिकित्साधारी डॉक्टर अरुण कुमार पांडेय से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि आप दुवारा जानकारी मिली है और सीघ्र ही कार्यवाही की जाएगी कोई भी इस तरह के मामले सी एम ओ को बताओ तो बस यही रटा रटाया जवाब सुनने को मिलता है मगर कोई कार्यवाही देखने को नही मिलती फर्जी नर्सिंग होमों पंर मरीजों को लूटा जा रहा है मगर स्वास्थ्य महकमा इस तरफ से आंख मूंदे है आखिर कब जागेगा स्वास्थ्य महकमा और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों पर विभाग कब कार्यवाही करेगा यह भविष्य के गर्क में है देखना यह है कि मुख्य चिकित्साधारी डॉक्टर अरुण कुमार पांडेय को जानकारी देने के बाद भी कार्यवाही होती है कि इसको भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जायेगा
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