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Sunday, February 9, 2025 3:18:36 AM

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आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. कल्बे सादिक का निधन

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. कल्बे सादिक का निधन
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार जगदम्बा प्रसाद की रिपोर्ट

मिली जानकारी के अनुसार वरिष्ठ शिया धर्म गुरु एवं आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. कल्बे सादिक का आज रात इंतकाल हो गया। 17 नवंबर को सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया के चलते मुस्लिम धर्मगुरु मौकलाना डॉ. कल्बे सादिक को लखनऊ के एरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। यहां जांच के दौरान निमोनिया के साथ यूटीआई और सेप्टिक शॉक की समस्या पाई गई। वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। कल्बे सादिक के बेटे सिब्तैन नूरी के अनुसार लंबे समय से बीमार चल रहे कल्बे सादिक ने रात 10 बजे अस्पताल में अंतिम सांस ली। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है।
हिंदुस्तान के मशहूर इल्मी मजहबी खानदान खानदान ए इज्तेहाद के मशहूर मारूफ आलिम थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मिल्लत की तालीमी पसमन्दगी दूर करने के लिए खपा दी। हर तकरीर और हर मजलिस में अशिक्षा के खिलाफ लड़ने के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होने केवल जुबान से ही यह काम नहीं किया बल्कि इसके लिए कई काम भी किए। उन्होने वर्ष 1984 में तौहीदुल मुस्लेमीन ट्रस्ट कायम किया जिसकी मदद से न जाने कितने बच्चे बच्चियां पढ़ कर कामयाब जिंदगी गुजार रहे हैं।
*मुफ्त शिक्षा के लिये मिशन स्कूल बनाया….*
मौलाना कल्बे सादिक शिक्षा पर हमेशा बहुत जोर देते थे। उन्होने लखनऊ में अंग्रेजी माध्यम का यूनिटी कालेज कायम किया और दूसरी पाली में बिल्कुल मुफ्त शिक्षा के लिये मिशन स्कूल बनाया। तकनीकी कोर्सेज के लिये इंडस्ट्रियल स्कूल बनाया और लखनऊ के काजमैन में एक चैरिटेबल अस्पताल भी स्थापित किया और हिन्दू-मुस्लिम व शिया-सुन्नी एकता के लिये हमेशा कोशिश की और हर धर्म व फिरके में इज्जत और शोहरत हासिल की। उन्हे सादगी, अखलाक, खिदमत और लोगों के हमदर्द के तौर पर जाना जाता है।
इंसानियत, इल्म, इत्तेहाद और मोहब्बत के इस फरिश्ते के दुबारा जीवन के लिए हिन्दू-मुसलमान, सिक्ख, ईसाई समाज से लेकर मुसलमानों का हर हर वर्ग दुआओं के लिए हाथ बुलंद किए हुए था, मंगलवार की रात उनका इंतिक़ाल हो गया। हिन्दू-मुस्लिम एकता और मुसलमानों के तमाम मसलकों में इत्तेहाद क़ायम करने के प्रयास करने वाले डा सादिक़ ने हमेशां अशिक्षित समाज में शिक्षा की अलख जलाने पर बल दिया। सर सय्यद अहमद ख़ान की तरह डा. सादिक़ ने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए इल्म की रौशनी फैलाने पर विशेष बल दिया और इस मिशन को ना सिर्फ तक़रीरों और तहरीरों के जरिए बल्कि अमली तौर पर आगे बढ़ाया

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