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Sunday, February 9, 2025 9:04:09 PM

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मनासा में जागे “हिन्दू” ने एक जैन को हमेशा के लिए सुलाया

मनासा में जागे “हिन्दू” ने एक जैन को हमेशा के लिए सुलाया
से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार बादल सरोज की रिपोर्ट

कथित रूप से सोये हुए “हिन्दू” को जगाने के “कष्टसाध्य” काम में लगे भक्त और उनके विषगुरु खुश तो बहुत होंगे आज।

जिस हिन्दू को जगाने के काम में पूरा कुल कुटुंब लगा हुआ था, वह अब जाग चुका है। कहते हैं हजारों साल बाद जागा है, तो अब जगार की खबर दुनिया तक पहुंचा कर ही मानेगा। इतना ज्यादा जाग चुका है कि मई की शुरू में सिवनी के धनसा, सम्पत आदिवासी के लिए इस्तेमाल की गई लाठी, कुछ साल पहले पुणे के दाभोलकर के लिए खर्च की गई गोली, अख़लाक़ और पहलू खान की तरह भीड़ की भी उसे जरूरत नहीं हैं ; अब वह अकेले अपने थप्पड़ों से ही किसी को सीधे ऊपर पहुंचा सकता है। यह शौर्य करके दिखा सकता है और दिखाते में बेधड़क अपना वीडियो भी बनवा सकता है। उसे खुद ही वायरल भी कर सकता है।

मनासा में उसने यही किया। थप्पड़ मार-मारकर रतलाम के मानसिक रूप से अविकसित, बालसुलभ, भोले बुजुर्ग को मार डाला। मरने वाले भंवरलाल जैन रतलाम जिले की सबसे बुजुर्ग सरपंच पिस्ताबाई चत्तर (86) के बड़े बेटे हैं और उनका एक भाई भी भाजपा का नेता है। पिस्ताबाई जी और उनका पूरा परिवार 15 मई को भेरूजी पूजने चित्तौड़गढ़ गया था। 16 मई को पूजा-पाठ के बाद भंवरलाल लापता हो गए। सरसी निवासी भंवरलाल चत्तर जैन (65) को मारने वाले संघ दक्ष, पूर्व भाजपा पार्षद पति दिनेश कुशवाह है।

दिनेश भाजपा युवा मोर्चा और नगर इकाई में पदाधिकारी रहा है। इस शूरवीरता का वीडियो दिनेश ने खुद ही “स्वच्छ भारत” ग्रुप में वायरल किया।

मारने वाला भाजपाई दिनेश बार-बार मृतक भंवरलाल जैन पर आरोप लगा रहा था कि वह “जावरा का मोहम्मद है – अगर नहीं, तो अपना आधार कार्ड दिखाए।” ऐसे पूछ रहा था – जैसे जावरा का मोहम्मद होना मार डालने के लिए पर्याप्त कारण हो। बुजुर्ग भंवर लाल अपनी अविकसित मानसिक स्थिति के चलते रेस्पोंस देने में थोड़े अकबका रहे थे, आधार कार्ड की बात समझ ही नहीं पा रहे थे और अपने सीमित बालसुलभ विवेक के चलते “200 रूपये ले लो, मुझे छोड़ दो” की कातर गुहार लगा रहे थे। मगर जागा हुआ हिन्दू भुलावे में नहीं आया और तब तक झपड़ जड़ता रहा, जब तक भंवरलाल जैन मर नहीं गए। मृतक के भाई राजेश चत्तर का कहना है कि जाते-जाते वह उनकी जेब से 200 रुपये ले ही गया।

यह क्या है?

ऐसी स्थितियों के लिए हिंदी में दो चार शब्द हैं : वीभत्सता, नृशंसता, बर्बरता, अमानुषिकता, पाशविकता वगैरा। यह इनमें से किसी शब्द में ठीक तरह से अभिव्यक्त नहीं होता। यह ख़ास जतन से जगाया हुआ हिन्दू अब तक के – तालिबान, मोसाद, आईएसआई, सीआईए – जैसे अपने पूर्ववर्तियों की कारगुजारियों को परिभाषित करने वाले शब्दों में खुद को बाँधने या परिभाषित करने के लिए तैयार नहीं है। वह अपने शौर्य के लिए नए शब्द युग्म की दरकार रखता है।

मनासा उसी नीमच में है, जहां कुछ दिन पहले एक बहुत पुरानी दरगाह के पास “हनुमान मूर्ति पधरान समारोह” कर हिन्दू जगाया गया था। एक इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा था, पूरे नीमच में दफा 144 लगी थी। कुछ दिन तक उन्माद नफरत फैलाने के बाद जिला प्रशासन तक को जबरिया रखी गयी मूर्ति हटवानी पड़ी थी। मगर गिरफ्तारी किसी की नहीं की। गृहमंत्री के बेहूदा बयान पर मामूली-सी प्रतिक्रिया देने के जुर्म में दरगाह समिति के अध्यक्ष को जरूर जेल भेज दिया गया। यह “हिन्दू जागरण” के इन्ही और गोदी मीडिया के चौबीस घंटा, सातों दिन के जाप-प्रयत्नों का पुण्यप्रताप है, जिसने दिनेश कुशवाह को वह शक्ति प्रदान की कि वह सिर्फ दो हाथों के सहारे ही रतलाम के किसी जैन को जावरा का मोहम्मद समझकर हमेशा के लिए खामोश कर दे और उसकी जेब से 200 रुपये निकालना न भूले ।

सवाल यह भी है कि क्या नरपिशाच दिनेश कुशवाह सजा पायेगा? वायरल वीडियो के बाद भी शुरुआत में मनासा थाना पुलिस एफआईआर करने को लेकर टालमटोल करती दिखाई दी। बाद में जैन समाज और परिजन की शिकायत पर आरोपी दिनेश कुशवाहा पर धारा 302 और 304 के अंतर्गत केस किया गया। मृत्यु होने के बाद दायर की गयी एफआईआर में दफा 302 और 304 एक साथ लगाना भी क्रिमिनल ज्यूरिसप्रूडेंस और आईपीसी में एकदम नया योगदान है। इसके बाद भी कथित रूप से मनासा के टीआई ने कहा है कि “अभी तकनीकी जांच पूरी किये बिना वे कुछ नहीं कह सकते।”

जाहिर है कि यह सब करके वह पतली गली छोड़ी जा रही है, जिससे हत्यारा यदि पकड़ा जाता है तो, साबुत-सलामत निकल जाए, ताकि उसके रिहा होने के बाद कोई सांसद, मंत्री, विधायक उसकी शोभायात्रा में भाग लेने जा सके और एक बार फिर हिन्दू को जगाया जा सके।

इन पंक्तियों के लिखे जाने तक अब तक सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी – सीपीआई (एम) – ने इसकी भर्त्सना में वक्तव्य जारी किया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि :
चुनाव जीतने के लिए भाजपा और संघ परिवार की ओर से फैलाई जा रही लपटें अब पूरे समाज को अपनी चपेट में ले रही हैं। यदि इनका मिलकर विरोध नहीं किया, तो पूरा समाज इनकी चपेट में आ जाएगा।
उन्होंने हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार करने, उनके राजनीतिक संबंधों को उजागर करने के साथ ही नीमच में अशांति फैलाने वाले तत्वों को नियंत्रित कर दरगाह की रक्षा करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि इस दरगाह पर सभी धर्मों और समुदायों के लोग आस्था व्यक्त करने आते हैं।

लेखक ‘लोकजतन’ के संपादक और अ. भा. किसान सभा के संयुक्त सचिव हैं।

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