Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Thursday, May 15, 2025 12:29:28 AM

वीडियो देखें

देवी बुलडोजर सवार, तेरा न्याय अपार

देवी बुलडोजर सवार, तेरा न्याय अपार
_____________ से स्वतंत्र पत्रकार _____________ की रिपोर्ट

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा

 

एक बात माननी पड़ेगी। 2022 में ही नहीं, 2014 के बाद से हर साल, मोदी जी ने एक वादा सौ टका पूरा किया है — वह सब हो रहा है, जो उनसे पहले वाले सत्तर साल में भी नहीं कर पाए थे। माना कि मोदी जी ने अच्छे दिन का वादा पूरा नहीं किया। माना कि मोदी जी ने दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा पूरा करना तो दूर, हर साल दसियों लाख का रोजगार छीन लिया। माना कि मोदी जी न विदेश से चोरी से जमा कराया गया धन वापस लाए और न उसमें से पंद्रह-पंद्रह लाख हरेक देशवासी के खाते में उन्होंने जमा कराए। माना कि मोदी जी से न तो डालर के मुकाबले रुपया मजबूत किया गया और न तेल सस्ता किया गया; बेटियों को जब बचाया ही नहीं गया, तो पढ़ाया क्या जाता; न देश को सुरक्षित किया गया, वगैरह, वगैरह। फिर भी मोदी जी का पूरा किया एक वादा ही, बाकी सब पर भारी है। अगले ने खोज-खोज कर वह किया है और लगातार करता ही जा रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। बताइए, पहले कभी किसी को इसका ख्याल तक आया था कि न्याय की देवी की भी तो, एक ऑफीशियल सवारी होनी चाहिए! मोदीजी ने न सिर्फ इस पर फौरन ध्यान दिया है, उन्होंने पहले वालों की तरह इस मामले को न अटकाया है, न भटकाया है और लटकाया है, बल्कि हाथ के हाथ न्याय की देवी के लिए सवारी का एलॉटमेंट भी करा दिया है — बुलडोजर!

 

पर मोदी जी के विरोधी तो इसका भी विरोध कर रहे हैं। कुछ तो न्याय की देवी के लिए सवारी के इंतजाम पर ही सवाल उठा रहे हैं। कह रहे हैं कि न्याय की देवी का काम तो बिना सवारी के ही खूब आराम से चल रहा था। उसके साथ छेड़-छाड़ करने की जरूरत ही क्या है? वैसे भी न्याय की देवी जिस पश्चिम से आयी है, वहां तो वह एक-जगह खड़े-खड़े ही न्याय करती है। उसके लिए सवारी क्यों? विदेशियों की मानसिक गुलामी से अब भी बंधे इन परदेशभक्तों को मोदी जी कैसे समझाएं कि अब न मेड फार इंडिया से काम चलेगा, न मेड इन इंडिया से; हमें तो आत्मनिर्भर इंडिया वाली न्याय की देवी चाहिए। इसके लिए हम अपनी तरफ से न्याय की देवी को एक सवारी तो दे ही सकते हैं। हमारे सब देवी-देवताओं के पास अपनी-अपनी सवारियां हैं, फिर परदेसियों की नकल पर हमारी न्याय की देवी ही पैदल क्यों रहे? रही बात जरूरत की, तो अपनी जगह खड़े-खड़े न्याय करना, विदेशियों की न्याय की देवी को ही मुबारक, हमारी न्याय की देवी तो घर-घर जाकर न्याय करेगी, सजा बांटेगी। हां! खुद घर-घर न भी पहुंचे, तो अपने बुलडोजर को ही सजा देने के लिए भेज देगी, पर न्याय जरूर करेगी।

 

और जब न्याय की देवी की सवारी बुलडोजर की होगी, तो वह न्याय भी देर-सबेर नहीं, हाथ के हाथ करेगी। न वकील, न दलील, न अपील, बस बुलडोजर की ध्वंसलीला। फिर देखिएगा, कैसे मुकद्दमों के आकाश को छूते पहाड़, देखते ही देखते गायब हो जाते हैं, दिल्ली के कूड़े के पहाड़ों की तरह। मुकद्दमों के पहाड़ सब से तेजी से गायब करने का विश्व रिकार्ड तो मोदीजी के नाम रहेगा ही, हमें तो लगता है कि सारी दुनिया को बुलडोजर न्याय सिखाने के बाद तो विश्वगुरु की उनकी नौकरी भी पक्की हो ही जानी चाहिए। नहीं क्या?

 

व्यंग्यकार प्रतिष्ठित पत्रकार और ’लोकलहर’ के संपादक हैं।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *